वाराणसी : धार्मिक ग्रंथों में उल्लिखित ज्ञानवापी स्थित भगवान आदि विश्वेश्वर के मंदिर का भव्य माडल तैयार किया गया है। ज्ञानवापी मुकदमों से जुड़े लोगों ने लकड़ी के इस माडल को तैयार कराया है। उनका कहना है इसे पूरे देश में प्रदर्शित किया जाएगा और लोगों को बताया जाएगा कि औरंगजेब के फरमान पर तोड़े जाने से पहले मंदिर कितना भव्य था।

ज्ञानवापी मुकदमे से जुड़े डा. रामप्रसाद सिंह का कहना है कि वर्ष 1669 से पूर्व ज्ञानवापी में भव्य मंदिर मौजूद था। इसका उल्लेख तमाम धार्मिक और ऐतिहासिक पुस्तकों में भी मिलता है। बनारस के इतिहास को बताने वाले इतिहासकार एएस अल्टेकर व जेम्स प्रिंसेप ने आदि विश्वेश्वर मंदिर के बारे में जानकारी दी है। प्रिंसेप ने तो उसका नक्शा भी तैयार किया था। तमाम पुस्तकों के अध्ययन और नक्शों के आधार पर मंदिर का माडल तैयार कराया गया।

इसे पांडेयपुर में रहने वाले अमर अग्रवाल ने दस महीनों में तैयार किया है। ज्ञानवापी में भगवान आदि विश्वेश्वर का मंदिर 128 फीट ऊंचा और 136 फीट चौड़ा था। तीन मंजिला इमारत में आठ फीट ऊंचा शिखर था। मंदिर में आठ मंडप भी थे। पश्चिम दिशा में स्थित श्रृंगार मंडप पर प्रवेश द्वार था। उत्तर दिशा में नंदी स्थापित थे और दक्षिण दिशा में स्थित कुंड में मंदिर का जल गिरता था।

माडल में इनको ठीक वैसा ही दिखाया गया है। माडल बनाने के दौरान एक फीट को एक सेंटीमीटर माना गया है। इसके साथ ही सात गुणे तीन फीट के 25 पैनल तैयार कराए गए हैं। इन पर पांच गुणे तीन फुट के वह चित्र लगाए जाएंगे जो ज्ञानवापी में एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान नजर आए थे।

ज्ञानवापी मामले में मंदिर पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन का कहना है कि माडल के बनाने के लिए काफी अध्ययन किया गया, साथ ही नक्शे आदि के आधार पर विचार किया गया है कि मंदिर कैसे नजर आता होगा। माडल का कुछ काम अभी बाकी है। इसके पूरा होने के बाद एक वृहद कार्यक्रम के तहत इसे लोगों के सामने लाया जाएगा।