चंडीगढ़ । पंजाब की सियासत और नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) के पुराने साथी भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणि अकाली दल फिर एक हो सकते हैं। दरअसल, हाल ही में हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मुलाकात से ऐसे संकेत मिल रहे हैं। हालांकि, दोनों दलों की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। दरअसल, बैठक के दो दिनों बाद ही अमृतसर प्रशासन ने 17 साल पुराने एक प्रस्ताव की कॉपी जारी है। इसमें स्वर्ण मंदिर परिसर में नारेबाजी और मीडिया इंटरव्यू की मनाही है। 6 जून को ऑपरेशन ब्लू स्टार की वर्षगांठ और घल्लूघारा दिवस की संध्या को जारी किया गया है। हालांकि, अकाल तख्त की तरफ से सिख धर्मगुरुओं की तरफ से दिए गए निर्देशों को मीडिया में जारी करना नई बात नहीं है, लेकिन पहली बार जिला प्रशासन की तरफ से यह कदम उठाया गया है। अब खास बात है कि एसजीपीसी के अधिकांश सदस्य  शिरोमणि अकाली दल से हैं। ऐसे में अटकलें तेज हो गई हैं कि भाजपा और शिअद साथ आ सकते हैं। 
एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि हालिया जालंधर लोकसभा उपचुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत के बाद शिअद ने भाजपा के साथ फिर संपर्क साधने पर विचार किया है। संभावनाएं ये भी जताई जा रही हैं कि भाजपा भी शिअद से अलगाववादी भावनाओं को नियंत्रित करने के लिए कह सकती है। इसके अलावा शिरोमणि अकाली दल प्रस्ताव की कॉपी को मीडिया में जारी कर मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई वाली सरकार को परेशान कर सकती है। 15 मई को ही जिला प्रशासन ने अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के निजी सचिव जसपाल सिंह का पत्र सार्वजनिक किया गया था।