लखनऊ : दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे. लखनऊ एयरपोर्ट पर आप कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया. इस दौरान यूपी प्रभारी संजय सिंह लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे. सीएम केजरीवाल और सीएम भगवंत मान एयरपोर्ट से सपा कार्यालय के लिए रवाना हुए. इस दौरान उनके साथ दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लेना और राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा भी मौजूद रहे. अरविंद केजरीवाल ने एयरपोर्ट से सपा कार्यालय पहुंचकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की. इसके बाद दोनों नेता संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. आम आदमी पार्टी के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 23 मई को आए अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों से समर्थन मांगने के लिए देशव्यापी दौरे की शुरुआत की है.

कई बड़े नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं केजरीवाल : इससे पहले अरविंद केजरीवाल इस मामले को लेकर अब तक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से मुलाकात कर चुके हैं. ज्ञात हो कि केंद्र सरकार ने 19 मई को ट्रांसफर पोस्टिंग, सतर्कता और अन्य प्रासंगिक मामलों के संबंध में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के नियमों को अधिसूचित करने के लिए एक अध्यादेश जारी किया था. अध्यादेश को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम 1991 में संशोधन करने के लिए लाया गया है.

बता दें केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल राज्यसभा में इस विधेयक के खिलाफ सभी विपक्षी दलों का सहयोग चाहते हैं. उनकी कोशिश है कि सभी विपक्षी दल इस अध्यादेश के खिलाफ उनके पक्ष में समर्थन करें. ज्ञात हो कि केंद्र सरकार जो अध्यादेश लेकर आ रही है, उसमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले के उलट ट्रांसफर और पोस्टिंग के अधिकार दोबारा से उपराज्यपाल को दे दिए गए हैं. इस अध्यादेश के जरिए केंद्र सरकार दिल्ली में राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण का गठन करेगी. जो दिल्ली में ट्रांसफर पोस्टिंग और विजिलेंस के काम पर नजर रखेगी.

इस अध्यादेश के अनुसार राजधानी में अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए अथॉरिटी बनाई गई है. जिसमें मुख्यमंत्री दिल्ली, दिल्ली के मुख्य सचिव और गृह सचिव होंगे. इस अध्यादेश के बनने के बाद अगर ट्रांसफर पोस्टिंग में किसी तरह का विवाद होगा तो उपराज्यपाल का फैसला अंतिम माना जाएगा. अरविंद केजरीवाल इसी अध्यादेश के खिलाफ लगातार विपक्षी पार्टियों के समर्थन मांग रहे हैं.