भोपाल ।  कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह पर निर्वाचन आयोग को दिए शपथ पत्र के आधार पर अनुपातहीन संपत्ति बनाने का आरोप लगाते हुए सरकार से उनका त्यागपत्र लेकर उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की। साथ ही यह भी कहा कि लोकायुक्त और आयकर विभाग में भी शिकायत की जाएगी। वहीं, मंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि मेरे पास पैतृक संपत्ति है। उसका मूल्यांकन बढ़ा तो मेरा क्या अपराध है। कांग्रेस गंदी राजनीति कर रही है। आरोप लगाने वालों को मानहानि का नोटिस दूंगा। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया और सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पुनीत टंडन ने पत्रकारवार्ता में आरोप लगाया कि भूपेंद्र सिंह ने चुनाव आयोग में जो शपथ पत्र दिए, उसके अनुसार ही 2008 से 2018 में अनुपातहीन संपत्ति बढ़ी। 2013 से 2018 के बीच पत्नी सरोज सिंह को दान और विक्रय पत्र के माध्यम से भूमि प्राप्त हुई। इसका मूल्यांकन कराया जाए तो यही सपत्ति 15 से 20 करोड़ रुपये के आसपास है। दस साल में लगभग 33 गुना वृद्धि हुई है। मालथौन, बामोरा, चिटाई ग्राम में भूमि क्रय की गई। बेटे के नाम पर दान में कई एकड़ भूमि ली। दोनों नेताओं ने कहा कि पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो कांग्रेस लोकायुक्त और आयकर विभाग में शिकायत करने के साथ न्यायालय भी जाएगी।

1200 एकड़ थी पैतृक संपत्ति, बैंकों से लिया 42 करोड़ रुपये का ऋण

कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए भूपेंद्र सिंह ने कहा है कि कांग्रेस ने बिना तथ्यों के आरोप लगाए हैं। 2018 के शपथ पत्र में पूरी जानकारी दी है। मुझे आज तक आयकर विभाग का नोटिस नहीं मिला। मेरे पिता जी के पास 1200 एकड़ भूमि थी। इस पर ही होटल और आवास बना है। विभिन्न बैंकों से अभी तक 42 करोड़ रुपये ऋण लिया है। हमारी भूमि सागर शहर से लगी है। वहां कलेक्टर गाइड लाइन बढ़ी है। जब संपत्ति का मूल्य बढ़ेगा तो आकलन भी बढ़ेगा। पिता जी ने 25 एकड़ भूमि मंदिर के लिए दान में दी है, आज उसका मूल्य एक हजार करोड़ रुपये है।

उन्होंने प्रश्न किया कि चुनाव के समय कांग्रेस यह बात क्यों कर रही है। यदि हमारी कोई गलती थी तो आयकर या अन्य जगह शिकायत करते पर वो तो नहीं किया। मैंने कोई बंगला नहीं खरीदा है। कांग्रेस द्वारा व्यक्तिगत हमला करने पर उन्होंने कहा कि पिछले दिनों कमल नाथ और दिग्विजय सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, इस कारण मुझे लक्ष्य किया जा रहा है। खुरई विधानसभा में कांग्रेस को प्रत्याशी तक नहीं मिल रहा है। 1985 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने हमारी सौ एकड़ भूमि अधिग्रहित कर ली थी। तब पिताजी से कहा था कि बेटा कांग्रेस में आ जाए तो भूमि छोड़ देंगे लेकिन उन्होंने कह दिया था कि वो भाजपा में ही रहेगा, जो करने हो, कर लें।