नई दिल्ली । केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की 10 सदस्यीय टीम बालासोर जिले में उस दुर्घटनास्थल पर पहुंची, जहां 2 जून को ट्रिपल ट्रेन हादसा हुआ था। इस हादसे में 278 लोगों की मौत हुई थी, जबकि करीब 1,000 लोग घायल हुए थे। रेलवे बोर्ड ने घटना की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया था। इसके बाद सीबीआई जांच शुरू कर चुकी है। यह ट्रेन दुर्घटना, हाल के दिनों में भारत में सबसे घातक घटनाओं में से एक है। 
दक्षिण पूर्व रेलवे के सीपीआरओ आदित्य कुमार चौधरी ने कहा कि फॉरेंसिक और सीबीआई की टीम यहां है। वे सबूत एकत्र कर रहे हैं और अपनी जांच कर रहे हैं। रेलवे उन्हें सहायता प्रदान कर रहा है। जांच के दौरान सीबीआई द्वारा सभी कोणों की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा, रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की टीम भी खड़गपुर, और बालासोर सहित कई स्थानों पर काम कर रही है। वे सभी जानकारी एकत्र कर रहे हैं। लोको पायलट की मौत और स्टेशन मास्टर के नाम के संबंध में कुछ फर्जी खबरें हैं। लोको पायलट स्थिर है और भुवनेश्वर में उसका इलाज चल रहा है।
ओडिशा पुलिस ने आईपीसी और रेलवे अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें लापरवाही से मौत का कारण भी शामिल है। इस बीच, अधिकारियों ने सूचित किया है कि कम से कम 101 मृतकों की पहचान की जानी बाकी है और उनके परिवारों द्वारा दावा किया जाना बाकी है, जबकि लगभग 200 लोगों का अभी भी विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। 
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बालासोर रेल हादसे की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की सरकार की घोषणा सिर्फ हेडलाइन मैनेजमेंट है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने वर्ष 2016 में कानपुर के निकट हुए एक रेल हादसे का उल्लेख कर कहा कि उस मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से जांच कराए जाने की घोषणा की गई थी, लेकिन आज तक पता नहीं चल पाया कि उस जांच का नतीजा क्या निकला।