रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को अपने जर्मनी के समकक्ष बोरिस पिस्टोरियस के साथ द्विपक्षीय बैठक की। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि दोनों मंत्रियों ने चल रही द्विपक्षीय रक्षा सहयोग गतिविधियों की समीक्षा की। उन्होंने खासतौर पर रक्षा औद्योगिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। मंत्रालय ने बताया कि रक्षा मंत्री सिंह ने उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में दो रक्षा औद्योगिक गलियारों (कॉरिडोर) में जर्मनी के निवेश की संभावनाओं सहित रक्षा उत्पादन क्षेत्र में खोले गए अवसरों पर प्रकाश डाला। भारतीय रक्षा उद्योग, जर्मनी के रक्षा उद्योग की आपूर्ति श्रृंखलाओं (सप्लाई चेन) में भाग ले सकता है।

जर्मनी के रक्षा मंत्री पिस्टोरियस ने करीब 43,000 करोड़ रुपये की लागत से छह स्टील्थ पारंपरिक पनडुब्बियां खरीदने की भारत की मेगा योजना में गहरी दिलचस्पी दिखाई है। पिस्टोरियस के साथ बातचीत में रक्षा मंत्री सिंह ने जोर देकर कहा कि भारत और जर्मनी साझा लक्ष्यों और ताकत की पूरकता के आधार पर 'अधिक सहजीवी' रक्षा संबंध बना सकते हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश व तमिलनाडु में रक्षा गलियारों में जर्मनी के निवेश को आमंत्रित किया।
 
अधिकारियों ने बताया कि दोनों रक्षा मंत्रियों ने हिंद-प्रशांत और अन्य क्षेत्रों में चीन की बढ़ती आक्रामकता समेत क्षेत्रीय सुरक्षा स्थितियों की भी समीक्षा की। पिस्टोरियस चार दिन की भारत यात्रा पर सोमवार को दिल्ली पहुंचे। वर्ष 2015 के बाद किसी जर्मन रक्षा मंत्री की यह पहली भारत यात्रा है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारतीय रक्षा उद्योग, जर्मनी के रक्षा उद्योग की आपूर्ति श्रृंखलाओं में भाग ले सकता है और आपूर्ति श्रृंखला में योगदान देने के अलावा पारिस्थितिकी तंत्र में मूल्य जोड़ सकता है।