नई दिल्ली। साल 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Polls 2024) से पहले लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal : RJD) भी चुनावी राजनीति में अपने पकड़ वाले क्षेत्र में और फैलाव करने के प्रयास करते दिखी है।

ऐसा इसलिए, क्योंकि बिहार (Bihar) के उप-मुख्यमंत्री, आरजेडी नेता और लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और पार्टी के सांसद मनोज झा (Manoj Jha) बीते महीने दक्षिण भारतीय सूबे केरल में दिवंगत सांसद और लोकतांत्रिक जनता दल (Loktantrik Janata Dal : LJD) के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार की याद में एक कार्यक्रम में शरीक हुए थे।

अंग्रेजी अखबार दि इंडियन एक्सप्रेस के 'डेल्ही कॉन्फिडेंशियल' कॉलम में बताया गया कि आरजेडी चाहती है कि एलजेडी का उसके साथ विलय हो जाए। यादव की इसी संदर्भ में सूबे के नेताओं के साथ अच्छी-खासी चर्चा और उन्होंने वहां अच्छा समय बिताया। इस बीच, रोचक बात यह है कि तेजस्वी भले ही इस बाबत अपनी सियासी तमन्नाएं रखते हों, मगर उनके दोस्त कुछ और ही चाहते हैं।

आरजेडी की मित्र पार्टी सत्तारूढ़ सीपीआईएम (CPIM) यह चाहती है कि एलजेडी जनता दल-सेक्युलर (Janata Dal-Secular : JDS) में शामिल हो, जिसका केरल में एलडीएफ (LDF) सरकार में प्रतिनिधित्व है।

जिस तरह लालू प्रसाद यादव के बगैर भारत की राजनीति अधूरी सी लगेगी, ठीक उसी तरह जब बिहार की पॉलिटिक्स की बात होगी तब राष्ट्रीय जनता दल (आरडेजी) का नाम भी आएगा। लालू ने साल 1997 में इसकी स्थापना की थी।