कोरबा | कोरबा में 11 सुत्रीय मांगो को लेकर उर्जाधानी भू-विस्थापित कल्याण समिती ने एसईसीएल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सैकड़ों ग्रामीणों के साथ संगठन ने गेवरा खदान में उत्पादन के साथ ही परिवहन को ठप कर दिया। सुबह होते ही आंदोलनकारी खदान के भीतर घुस गए और उत्पादन में लगी मशीनों को बंद करा दिया। भू-विस्थापितों के इस आंदोलन से प्रबंधन को बड़ा नुकसान होने की बात कही जा रही है।11 सूत्रीय मांगों को लेकर कोरबा की गेवरा खदान में ऊर्जाधानी विस्थापित संगठन ने एसईसीएल के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए खदान में उत्पादन और परिवहन को ठप कर दिया है। संगठन ने पहले ही इस आंदोलन की चेतावनी दी थी जिसके बाद प्रदर्शन किया जा रहा है।

संगठन चाहता है कि भू-विस्थापितों को रोजगार दें, रेल कॉरिडोर से प्रभावित लोगों के मुआवजा संबंधी समस्याओं का जल्द निराकरण हो, श्रमिक पंजीयन, भू अर्जन का मुआवजा देने के साथ ही अन्य मांगों को जल्द से जल्द पूरा करें। सैंकड़ो की संख्या में भू विस्थापित खदान के भीतर पहुंच गए है और उत्खनन में लगे मशीनों को बंद करा दिया। उत्पादन ठप होने से प्रबंधन को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है।ऊर्जाधानी भू-विस्थापित कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने बताया कि एसईसीएल के भू-विस्थापितों की समस्या पिछले लंबे समय से चल रही है जिसे लेकर कई बार आंदोलन प्रदर्शन और खदान भी बंद की गई।

लेकिन, किसी तरह के प्रबंधन के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है। आज समिति के निर्णय के बाद विस्थापितों के साथ सैकड़ों की संख्या में सुबह से ही खदान बंद कराने पहुंचे हैं जहां उत्पादन पूरी तरह से ठप है।
वही आंदोलन की सूचना मिलते ही दीपका थाना पुलिस और सीआईएसएफ के जवान के अलावा एसईसीएल की सुरक्षा गार्ड काफी संख्या में तैनात है लेकिन ग्रामीणों के विरोध के सामने इनका कुछ नहीं चल रहा है फिलहाल आंदोलन जारी है।