पेड़-पौधे हमारे वातावरण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पेड़ पृथ्वी के लिए फेफड़ों की तरह काम करते हैं, जो इंसानों और दूसरे जानवरों द्वारा छोड़े गए कार्बन को सोखते हैं और हमें ऑक्सीजन देते हैं। इसके अलावा पेड़ धरती पर मिट्टी की परत बनाए रखने में भी मदद करते हैं। जिस जगह पर अधिक पेड़ होते हैं, वहां का वातावरण काफी शुद्ध होता है, साथ ही वहां के लोगों में सांस संबंधी बीमारियों का खतरा भी कम होता है।

ग्रीनलैंड - इसका नाम सुनकर ऐसा लगता है कि यह जगह ग्रीनरी से भरी यानी रही-भरी होगी। जहां हर तरफ पेड़ और घने जंगल होंगे, लेकिन असल में ऐसा नहीं है। ग्रीनलैंड में हजारों मील तक कोई पेड़ देखने को नहीं मिलता है। इसे दुनिया के सबसे बड़े आईलैंड के रूप में जाना जाता है, जहां चारों ओर ग्लेशियर ही ग्लेशियर नजर आते हैं।

कतर - सबसे बड़े गैस भंडार के लिए जाना जाने वाला ये देश सऊदी अरब और फारस की खाड़ी से घिरा हुआ है, जिसका पूरा इलाका रेगिस्तान है। यहां पर एक भी पौधा कहीं देखने को नहीं मिलता है। तेल के भंडार और मोतियों के उत्पादन की वजह से इस देश को अमीर देशों में गिना जाता है। हालांकि पौधे न होने की वजह से फल-फूल के लिए ये देश दूसरे देशों पर भी निर्भर है।

ओमान - अमीर मुस्लिम देशों में शामिल इस देश में भी आपको पेड़-पौधे देखने को नहीं मिलेंगे। दशकों पहले इस देश में वन क्षेत्र 0.01% मापा गया था, जो 1990 के बाद से 0.0% तक आ पहुंचा। ऐसे में कुछ कृषि संगठन अब यहां 2 हजार हेक्टेयर जमीन में कृत्रिम रूप से वन लगाने की शुरुआत कर चुके हैं। इसके साथ ही कुछ और जगहों पर भी यह प्रयास शुरू किया गया है।

अंटार्कटिका - इस लिस्ट में अंटार्कटिका का भी नाम है। अंटार्कटिका का 98 फीसदी हिस्सा बर्फ की मोटी चादर से ढका हुआ है। इसे दुनिया की सबसे ठंडी जगह माना जाता है। गर्मी के मौसम में भी यहां का औसत तापमान 20 डिग्री के आसपास रहता है। ऐसे में यहां दूर-दूर तक कोई पौधा नजर नहीं आता है।एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते 12 हजार सालों में धरती पर करीब 6 खरब पेड़ों में से आधे से ज्यादा को काटा जा चुका है। काफी तेज रफ्तार से जंगल घटते जा रहे हैं। इसका एक बड़ा कारण आबादी है, जो कब्जा करती जा रही है।