संडावता राहुल गौड़।  सात हजार की आबादी वाले संडावता कस्बे में 20 साल पहले बनी एक करोड़ की बिल्डिंग धूल खा रही है. साल 2023 में बनी 1 करोड़ 84 लाख से अधिक की नई बिल्डिंग भी पोलियो अभियान के लिए खोली गयी थी. लेकिन उसके बाद से यहां न तो कोई डॉक्टर है और न ही कोई नर्स, ऐसे में नगर के गणमान्य नागरिक और ग्रामीण पत्रकारों ने नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर डॉक्टर की व्यवस्था न होने पर धरने की चेतावनी दी है। 


शनिवार को संडावता ग्रामीण अंचल के पत्रकार और गणमान्य नागरिक टप्पा कार्यालय में नायब तहसीलदार सुरेश सिंह के कक्ष में पहुंचे और अतिशीघ्र डॉक्टर की व्यवस्था के साथ ही अस्पताल में डिलीवरी पॉइंट शुरू करने की मांग की। इस दौरान गिरिराज गुप्ता, राजेश बैरागी, राहुल गौड़, पवन पाटीदार, मोहन नागर, जगदीश प्रजापति, रामविलास राठोर, फूलचंद अहिरवार ने नायब तहसीलदार को बताया की साल 2001 की बनी बिल्डिंग ध्वस्त होने की कगार पर है। अब 2023 में एक करोड़ 84 लाख 71 हजार में नई बिल्डिंग बनाई गयी. 5 अगस्त 2023 को बिल्डिंग का लोकार्पण हुआ तो लोगों को उम्मीद थी की अब इलाज भी मिलेगा। 
. जबकि लोकल संडावता में 7 हजार की आबादी के अलावा आसपास के दो दर्जन गांव जुड़े हुए है। जिनकी आबादी 30 हजार से अधिक है. जिनको छोटे छोटे इलाज के लिए सारंगपुर पचोर अथवा छापीहेड़ा तक जाना पड़ता है. बारिश के दौरान डिलीवरी में बड़ी परेशानी होती है. इलाज समय पर नहीं मिलने से कई महिलाएं मौत के मुंह में समा जाती है। अतः 7 दिन में डॉक्टर की व्यवस्था नहीं हो सकी तो 22 जुलाई से सभी पत्रकार और ग्रामीण गणमान्य धरने पर बैठकर आंदोलन करेंगे। 

इनका कहना 

नायाब तहसीलदार संडावता 
   सुरेश सिंह
 मुझे ज्ञापन प्राप्त हुआ है जिसे में उच्च अधिकारी को अवगत करूंगा व समस्या का निवारण करने की कोशिश करेंगे।