खिलचीपुर. आईटीआई के पास खिलचीपुर जीरापुर हाईवे के निर्माण के लिए जो भूमि अधिग्रहण का कार्य हुआ उसमें लगभग 15 लोगों की जमीन पर बिना जानकारी दिए ही जेसीबी चला दी गई पूछने पर कोई अधिकारी ठीक से पीड़ितों को जवाब तक नहीं दे रहा है जबकि पीड़ितों के पास संपूर्ण दस्तावेज रजिस्ट्री समेत मौजूद है।
 ज्ञात हो की खिलचीपुर जीरापुर नेशनल हाईवे निर्माण के लिए कुछ लोगों की भूमि को अधिग्रहण किया जाना है लेकिन प्रशासन के द्वारा पीड़ितों को बिना जानकारी दिए ही उनके प्लाटों पर जेसीबी चला दी गई है पूछने पर कोई ठीक से जवाब तक नहीं देता ऐसे में पीड़ित दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर है।
 उक्त स्थान पर कुछ लोगों के पक्के मकान भी है जिनका रहने का सहारा दूसरी जगह नहीं है उनको भी अधिकारीयों ने बोला कि जल्दी से जल्दी मकान खाली कर दो। पीड़ित लोग अपनी समस्या का आवेदन लेकर एसडीएम कार्यालय भी गए लेकिन वहां पर भी उन्हें कोई नहीं मिला और उन्हें वहां से खाली हाथ लौटना पड़ा।
 जबकि बिना मुआवजा दिए मकान तोड़ने का कोई नियम नहीं है। ऐसे में सभी पीड़ित काफी परेशानी का सामना कर रहे हैं जिनकी कोई सुनवाई कहीं भी नहीं हो रही है।मुआवजा राशि दिए बिना ही शुरू किया रोड निर्माण का कार्य 

खिलचीपुर. आईटीआई के पास खिलचीपुर जीरापुर हाईवे के निर्माण के लिए जो भूमि अधिग्रहण का कार्य हुआ उसमें लगभग 15 लोगों की जमीन पर बिना जानकारी दिए ही जेसीबी चला दी गई पूछने पर कोई अधिकारी ठीक से पीड़ितों को जवाब तक नहीं दे रहा है जबकि पीड़ितों के पास संपूर्ण दस्तावेज रजिस्ट्री समेत मौजूद है।
 ज्ञात हो की खिलचीपुर जीरापुर नेशनल हाईवे निर्माण के लिए कुछ लोगों की भूमि को अधिग्रहण किया जाना है लेकिन प्रशासन के द्वारा पीड़ितों को बिना जानकारी दिए ही उनके प्लाटों पर जेसीबी चला दी गई है पूछने पर कोई ठीक से जवाब तक नहीं देता ऐसे में पीड़ित दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर है।
 उक्त स्थान पर कुछ लोगों के पक्के मकान भी है जिनका रहने का सहारा दूसरी जगह नहीं है उनको भी अधिकारीयों ने बोला कि जल्दी से जल्दी मकान खाली कर दो। पीड़ित लोग अपनी समस्या का आवेदन लेकर एसडीएम कार्यालय भी गए लेकिन वहां पर भी उन्हें कोई नहीं मिला और उन्हें वहां से खाली हाथ लौटना पड़ा।
 जबकि बिना मुआवजा दिए मकान तोड़ने का कोई नियम नहीं है। ऐसे में सभी पीड़ित काफी परेशानी का सामना कर रहे हैं जिनकी कोई सुनवाई कहीं भी नहीं हो रही है।