संडावता।   सारंगपुर मार्ग पर  बने उदासीन  आश्रम पर  गुरुवार को   तपस्वी बाबा श्यामदास जी की दसवी पुण्यतिथि  भक्तो ने श्रद्धाभाव से मनाई।        बुधवार  प्रातः काल से एक दिवसीय श्री रामचरित मानस का अखंड पाठ करते हुए रात्री को संगीतमय सुंदरकांड का पाठ स्थानीय मंडली ने किया।  गुरुवार   प्रातःकाल  वैदिक मंत्रो से पूजा अर्चना कर   देवताओ के निमित्त  हवन कुंड मे आहुति  दी  गयी।                       दोपहर   को बाबा जी की समाधि पर पंचामृत से  अभिषेक कर  चरणपादुका    की पूजा अर्चना कर  आरती उतारकर  अरदास कर हरिकीर्तन पश्चात् प्रसादी का वितरण किया गया।                          ब्रह्मलीन बाबा  ने क्षेत्र मे कठोर तप कर  लगभग, 50साल पहले   नगर  मे उदासीन  आश्रम की स्थापना कर  श्री  पंचमुखी  हनुमान मन्दिर   शिवलिंग् एवं  विघ्नहर्ता गणेश जी की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा कर   क्षेत्रवासियो के  लिये सत्संग  के नाध्यम से धर्मप्रचार  एवं संतो के ठहरने की व्यवस्था  की थी।                           ब्रह्मलीन बाबा  निर्मोही होकर  लोभ लालच से दूर रहते हुए हमेशा साधना मे   तल्लीन रहते   हुए समदर्शी थे।  उदासीन आश्रम   सारंगपुर मार्ग  पर  लगभग  चार एकड़  मे फेला होते हुए  आध्यात्मिक कामो के लिये नगर की महत्वपूर्ण धरोहर है।
चरणपादुका पूजन करते ब्रह्मलीन बाबा के अनुयायी।