विद्याभारती मध्यभारत प्रांत की योजना एवं राजगढ़ विभाग की व्यवस्था अनुसार व्यक्तित्व विकास की दृष्टि से आयोजित नेतृत्व विकास शिविर के
पंचम दिवस के समारोप-सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ0 गिरीश जी मिश्रा ,  कलेक्टर' राजगढ़ डॉ0 ने शिविरार्थी भैया-बहिनो को सम्बोधित करते हुए उपरोक्त बात कही। सत्र की अध्यक्षता  प्रादेशिक सह-सचिव श्री महेन्द्र सिंह जी रघुवंशी ने की जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में  श्री चंद्रहंस जी पाठक प्रांत प्रमुख, ग्रामीण- शिक्षा एवं
विभाग समन्वयक श्री अंकित कुमार जी शुक्ला उपस्थित रहे।
सरस्वती वंदना तथा अतिथि स्वागत के उपरान्त कार्यक्रम की संक्षिप्त भूमिका अंकित कुमार जी शुक्ला ने रखी,  जबकि शिविर संयोजक जितेंद्र कुमार पाठक ने शिविर का प्रतिवेदन निवेदित किया। अपने प्रेरणादायक उदबोधन में जिलाधीश डॉ0 गिरीश जी मिश्रा ने सत्र को सम्बोधित करते हुए अपने विद्यार्थी जीवन के अनुभवों को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि जब जीवन में कोई महान लक्ष्य सामने रहता है तो फिर कोई बहाना नहीं चलता। बड़े लक्ष्यों को पाने के लिए हमें अपनी नकारात्मकता से लड़ना पड़ता है। परन्तु सतत परिश्रम और ईमानदार प्रयासों से अंतत: अपेक्षित लक्ष्य प्राप्त होता ही है। इस अवसर पर सम्पूर्ण राजगढ़ विभाग से आये हुए 102 भैया-बहिन व 20 संरक्षक आचार्य-दीदी  सत्र में उपस्थित रहे। इस अवसर पर जिलाधीश महोदय ने शिविरार्थी भैया-बहिनों को प्रमाण-पत्र प्रदान कर उनका उत्साह वर्धन किया। अमृत वचन, व्यक्तिगत गीत तथा कार्यक्रम के मंच संचालन में शिविरार्थी भैया-बहिनों की सक्रिय सहभागिता रही । अंत में शिविर संयोजक ने सबका आभार माना। शांति मंत्र के साथ कार्यक्रम का समारोप हुआ।