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राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ विकास खंड में एक नया मामला सामने आया हैं की 12 वर्षो से एक शिक्षक संस्था में नहीं आया और जिम्मेदार अधिकारियों ने आज तक सुध नहीं ली,जबकि उक्त शिक्षक का शासन प्रतिमाह वेतन भी दे रही हैं,लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने ये तक नही जांच की ,ये शिक्षक कहा सेवा दे रहे हैं या फिर घर पर ही अपनी ड्यूटी दे रहे हैं,सिर्फ कागजों में ही शिक्षक दिख रहा हैं बाकी धरातल की बात की जाए तो ग्रामीणों को आज तक ये शिक्षक नजर नही आए,इधर इस मामले की जानकारी ग्रामीणों को लगी तो ग्रामीणों में राजगढ़ पहुंच कर कलेक्टर से शिकायत दर्ज कराई और अपने गांव के स्कूल के लिए शिक्षक की मांग रखी,ताकि बच्चों की पढ़ाई खराब न हो,जानकारी के अनुसार नरसिंहगढ़ विकास खंड के जामोनिया गोप चौहान संकुल केंद्र के तहत आने वाले शासकीय प्राथमिक स्कूल छापरी कलां में 2012 से शिक्षक अनुपस्थित हैं,इधर संस्था प्रभारी द्वारा शुरुआत से आज तक इस शिक्षक की अनुपस्थिति भेजी जा रही हैं लेकिन विभाग में बैठे अधिकारियों ने आज तक इस पर ध्यान नही दिया,जिसका ही कारण है की आज इस स्कूल में एक ही शिक्षक सेवा दे रहे हैं और पोर्टल पर दो पद दिखने के कारण न तो अन्य शिक्षक आ रहा हैं ओर न ही अतिथि शिक्षक की भर्ती हो पा रही हैं,वही वर्तमान में पदस्थ शिक्षक हिम्मत मीणा एक मात्र शिक्षक हैं जिन्हें भी विभाग द्वारा कई काम सौंप रखा हैं, बी एल ओ का काम एक नव भारत साक्षरता का समन्वयक भी बना दिया हैं, ऐसे में शिक्षक हिम्मत मीणा को स्कूल के साथ साथ संकुल का भी काम करना पड़ता हैं ,जबकि संकुल में कई स्कूल ऐसे भी स्कूल हैं जिसमे बच्चों की संख्या काफी कम है और दो से लेकर तीन तीन शिक्षक पदस्थ हैं लेकिन वहां का शिक्षा का स्तर भी काफी कम है लेकिन उन शिक्षाको की अन्य जगह ड्यूटी नहीं लगाई जाती ऐसे में या प्रतीत होता है की जिम्मेदार अधिकारी खुद यह चाहता है कि कोई भी शिक्षक अच्छा काम ना करें और सरकारी स्कूल डूब जाए,जिसका ही कारण हैं की छापरी कलां स्कूल को अच्छा काम करने की जगह शिक्षको इतना परेशान किया जा रहा हैं,इधर इस समस्या को लेकर कई बार बी ई ओ और डी ई ओ से शिकायत की लेकिन उन्हें सही काम करवाने का समय ही नही हैं,और आज तक किसी ने ध्यान नही दिया, उसके बाद कलेक्टर से ग्रामीणों ने भी शिकायत दर्ज कर दी हैं,
इतना सब कुछ होने के बाद भी एक मात्र शिक्षक हिम्मत मीणा ने छापरी कलां गांव के शासकीय प्राथमिक स्कूल को स्कूल को आनंद घर बना दिया,जो बेहतर शिक्षा और बेहतर व्यवस्था के साथ थोड़ी कुछ शासन से राशि मिलती हैं और कुछ जन सहयोग और कुछ राशि खुद के खर्च से कई सामान स्कूल में व्यवस्थित कर रखे हैं,जो बच्चों को बहुत काम आ रहे हैं,और पढ़ाई और बेहतर शिक्षा व्यस्वथा को देख गांव से कोई भी कक्षा एक से पांच वी तक बाहर पढ़ाई करने नही जाते हैं सब बच्चे इस गांव के सरकारी स्कूल में अध्ययन करते हैं,लेकिन जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नही दे रहे हैं।