-राज्य आनंद संस्थान भोपाल के निर्देशानुसार, कलेक्टर श्री डां. गिरीश कुमार  मिश्रा के निर्देशन एवं महीप तेजस्वी  मुख्य कार्य पालन अधिकारी जिला  पंचायत के मार्गदर्शन में नरसिंहगढ़ ब्लॉक में आनंद विभाग का एक दिवसीय अल्पविराम परिचय कार्यक्रम का आयोजन जनपद पंचायत सभागार  में आयोजित हुआ जिसमें आनंद विभाग के जिला समन्वयक व मास्टर ट्रेनर के.एन.गुप्ता , राजीव मिश्रा सीईओ जनपद नरसिंहगढ़ ,आर, आर. वर्मा बी पी ओ जनपद नरसिंहगढ़ सोना  अवस्थी के साथ 60 शासकीय सेवको ने सहभागिता की जिसमे शिक्षा विभाग से  शिक्षक, राजस्व से  , महिला बाल विकास से  महिला पर्यवेक्षक, आंगनबाडी कार्यकर्ता, पंचायत एवं ग्रामीण विकास से स्वास्थ्य  विभाग,राजस्व विभाग  ने सहभगिता की।

 के. एन. गुप्ता ने सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि जब तक हम खुद क्या है यह नही जान लेते तब तक आनंद की कल्पना नही की जा सकती हमे हमारे जीवन का आनंद क्या है इसको जाना पड़ेगा यह सब हमारे विचारों पर निर्भर करता है हम जब तक अपने विचारों में सकारात्मकता नही लाएंगे तब तक आनंद के भाव को नही पहचान पाएंगे क्योकि आनंद बाहर खोजने की चीज नही है, इसे अंतर्मन में ही खोजना पड़ेगा इनके लिए खुद से खुद का जुड़ाव होना बहुत आवश्यक है और यह केवल ओर केवल अल्पविराम से ही सम्भव हो पायेगा अपने जीवन में अल्पविराम को उतारे ओर नियमित अल्पविराम को अपनी दिनचर्या में शामिल करते है तब जीवन में हम खुशी से रह पाएंगे और खुश व्यक्ति ही समाज मे खुशिया बांट सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि विगत कुछ वर्षों में हमारे जीवन मे सुविधाए बड़ी है मगर आनंद कम हुआ है। आनंद विभाग की गतिविधियों को साझा किया और बताया कि हमारे जीवन मंे अल्पविराम कैसे किया जाता है अल्पविराम क्या है और इसे कैसे करते है यह एक स्वयं से स्वयं की मुलाकात है। अल्पविराम स्वयं को जानने का सबसे बेहतर माध्यम है।

  श्री गुप्ता ने सभी प्रतिभागियों से अपने जीवन का लेखा जोखा बनवाया तथा  कब कहां  धन्यवाद, कृतज्ञता, ज्ञापित करना व क्षमा करना माफ करना जैसे शब्दों का प्रयोग कर हम तनाव से मुक्त रहकर खुशहाल  जीवन जी सकते हैं। हम दूसरों में कमियां जल्दी ढूंढ लेते है परंतु जब स्वयं की कमियों की बात हो तो हमारे पास कोई जवाब नही होता। हमारे जीवन मे हम आनंद से है या दुख से यह खुद का अंकेक्षण ओडिट करने से ही पता चल पाता है उन्होंने  चार प्रश्नों के माध्यम से लाइफ़ बेलेन्स शीट तैयार करवाई। जिस पर प्रतिभागियों ने अपनी शेयरिंग भी की।

कार्यक्रम मे मास्टर ट्रेनर सुश्री  सोना अवस्थी ने सभी प्रतिभागियों को रिश्ते  का महत्व बताया हमारे जीवन में रिश्ते कितने महत्वपूर्ण है बताया साथ ही  आनंद विभाग में क्या भूमिका हो सकती है हम कैसे आनंद विभाग से जुड़कर लोगो में सकारात्मकता का भाव ला सकते है, जिससे की हम सब आनंदित रह सके आप सब सक्रिय आनंदक के रूप में समाज को आनंदित कर सकते है।

 कार्यशाला में  संजय परिहार,पवन  ठाकुर,नरेन्द्रर कोठैर ,जया उपाध्याय, अनिता  सक्सेना, अनुराधा सक्सेना, डिम्पल तोमर ने अपनी शैयरिंग की ।

 विभिन्न विभागों के उपस्थित कर्मचारियों ने आनंद विभाग की कार्यशाला नियमित  करने तथा अधिकारी वर्ग के लिये भी कार्यशाला का आयोजन होना चाहिये जिससे कर्मचारियों  को तनाव  से मुक्ति मिल सके। कार्यशाला  के  अंत  सबका आभार बीपीओ श्री वर्मा जी ने प्रकट कर सभी को प्रमाण पत्र वितरण कर कार्यक्रम का समापन किया।