बसंत ऋतु जीवन में एक नई ऊर्जा का संचार करती है*
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प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा जिला जेल परिसर राजगढ़ में बसंत पंचमी का पर्व मनाया गया कार्यक्रम शुभारंभ प्रभारी जेल अधीक्षक राकेश मोहन उपाध्याय प्रमुख मुख्य प्रहरी अमर सिंह सोलंकी बीके सुमित्रा दीदी बीके दीपिका दीदी एवं शिक्षक लखन सिंह ने मां सरस्वती की पूजन एवं दीप प्रज्वलन द्वारा किया गया ब्रह्माकुमारी दीपिका बहन ने बसंत पंचमी का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहां की बसंत ऋतु जीवन में एक नई ऊर्जा का संचार करती है मां सरस्वती से हमें प्रेरणा लेनी है उनको हंस वाहिनी भी कहते हैं हंस शेर और निर्गुण को अलग कर देता है इसी प्रकार शुद्ध बुद्धि वाला मानव के गुण रूप में मोती ही चुका है और व्यर्थ एवं नकारात्मक बातों को छोड़ देता है सरस्वती मां को श्वेत वस्त्र धारी दिखाना अर्थात अपने जीवन को निर्मल पवित्र शुद्ध रखना है जब मन शुद्ध पवित्र होता है तो हमारे पास लक्ष्मी स्वत ही आ जाती है आगे बताया कि शीत ऋतु का जाना ग्रीष्म ऋतु का आगमन होना ही बसंत उत्सव के रूप में मनाया जाता है प्रकृति भी परिवर्तन की ओर रहती हैं इसी तरह मानव को भी अपने जीवन में श्रेष्ठ विचारों का परिवर्तन की और आगे बढ़ती है इसके साथ-साथ हमें भी अपने जीवन में आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करते करती है इस दिन पीले रंग का विशेष महत्व है पीला खाते भी है पीला पहना भी है पीला रंग समृद्धि सफलता और खुशहाली का प्रतीक है जहां ज्ञान धन है वहां समृद्धि अपने आप आ जाती है जहां पवित्रता है वही सुख शांति हैं जब हमारे जीवन में पवित्रता आ जाती है तो जीवन सुख शांति समृद्धि से भरपूर हो जाता है इस अवसर पर प्रभारीजेल अधीक्षक राकेश मोहन उपाध्याय ने सभी बंदी भाइयों को बसंत पंचमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मां सरस्वती दिव्य बुद्धि एवं विवेकशील बुद्धि की दात्री है मां सरस्वती ज्ञान धन की देवी है आज के दिन मां सरस्वती से आशीर्वाद ले अपने जीवन को प्रज्ञा बना ले वहीं संस्था की सराहना करते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्था एक श्रेष्ठ मार्गदर्शन की ओर ले जाने का कार्य कर रही जो जिससे हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आने लगता है और चिंता निराशा एवं भई से मुक्त हो जाते हैं ऐसे आगे भी हमें प्रेरित करते रहे हैं इस अवसर पर जेल के लगभग 450 बंदी भाई बहन उपस्थित रहे