भविष्य के लिए जल संरक्षण आवश्यक है - इंजीनियर नायक* *अंतरराष्ट्रीय जल दिवस के उपलक्ष्य में एमसीबीयू में हुआ सार्थक व्याख्यान*

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*छतरपुर।* महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय छतरपुर की कुलगुरु प्रोफेसर शुभा तिवारी के संरक्षण, कुलसचिव श्री यशवंत सिंह पटेल के निर्देशन एवं भूगर्भ शास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ.पी.के. जैन के मार्गदर्शन में अंतर्राष्ट्रीय जल दिवस पर शनिवार 29 मार्च को अतिथि व्याख्यान का आयोजन, सरस्वती हॉल में किया गया।
मीडिया समिति सदस्य श्रीमती निकिता यादव के मुताबिक इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम मां सरस्वती का पूजन वंदन एवं माल्यार्पण किया गया। व्याख्यान में मुख्य अतिथि के रूप में इंजीनियर आर. एस. नायक सेवानिवृत अधीक्षण अभियंता जल संसाधन विभाग रहे।
विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. अर्चना जैन, संकायाध्यक्ष, विज्ञान संकाय उपस्थित रही।
प्रो. जैन ने इंजीनियर नायक का संक्षिप्त में परिचय देते हुए बतलाया कि इंजीनियर नायक जल संसाधन में आई. आई .टी रुड़की से स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने वाले बुंदेलखंड में प्रथम व्यक्ति रहे है। श्री नायक ने अपने उद्बोधन में बतलाया कि जल की मांग बहुत बढ़ रही हैं तथा जल का प्रदूषण एक बहुत बड़ी समस्या बनती जा रही हैं। जल एक मात्र ऐसा प्राकृतिक संसाधन हैं जिसकी पूर्ति प्रकृति द्वारा हर एक वर्ष पूर्ण कर दी जाती हैं। इंजीनियर नायक ने इसी के साथ बतलाया कि भूजल का अध्ययन भूगर्भशास्त्र के अंतर्गत आता हैं। जिसका अध्ययन सिविल इंजीनियर को भी करना होता हैं। भूजल ताजे पानी का सोर्स है प्रति व्यक्ति जल की मांग बढ़ रही है तथा ताजे जल का प्रतिशत लगातार घटता जा रहा है जिसके लिए जल संरक्षण बहुत ही आवश्यक हैं। जल का उपयोग सीमित एवं बुद्धिमत्ता से करना चाहिए। इस व्याख्यान मे एम एस सी द्वितीय तथा एम एस सी चतुर्थ सेमेस्टर के सभी विद्यार्थी, रिसर्च स्कॉलर तथा विभाग के अतिथि विद्वान उपस्थित रहे। व्याख्यान के अंत में अतिथि विद्वान आशी जैन के द्वारा आभार ज्ञापित किया गया तथा मुमताज जहां मंसूरी ने मंच संचालन किया।