कोहरे से थमी जीवन की रफ्तार, तापमान में गिरावट जारी ठंड़ ने ठिठुराया, अलाव ही बने एकमात्र सहारा * गिरिराज किशोर गुप्ता

संडावता। चार, पांच दिनों से जारी शीतलहर एवं कोहरे के चलते जीवन की रफ्तार थमती नजर आयी। सुबह देर तक चहल पहल शुरू नही हुयी तो रात्रि को जल्दी लोग घरों में दुबक गये। गुरूवार को भी अलसुबह से ही शीतलहर के साथ घने कोहरे का आलम रहा। सोमवार सुबह से ही तेज सर्द हवाओं के दौर के साथ आसमान पर बादलों का कब्जा रहा जो आज तक बरकरार है। तीन दिन से सूर्य के दर्शन तक नही हो रहे है। सर्द हवाओं के कारण पारा तेजी से गिरा जिससे लोगों की दिनचर्या प्रभावित हुयी। सर्दी से बचने के लिए ग्रामीण दिनभर तरह तरह के रंगीन ऊनी कपडों से लदे नजर आ रहे है तो कई लोग घरों में ही रहकर दिनभर अलाव का सहारा लेते रहे। सुबह 12 बजे तक घना कोहरा छाया रहने का असर जनजीवन पर साफ दिखा तो यातायात भी प्रभावित रहा। कोहरे के कारण वाहन चालकों को 11 बजे तक लाईट जलाकर वाहन चलाने पड़े।
सर्दी से बचने मवेशी भी ले रहे अलाव का सहारा
मौसम में आ रहे इस बदलाव से किसान भी अब चिंतित दिखाई देने लगे है। किसानों का कहना है कि मावठ की बारिश हुयी वह कम है यदि अधिक बारिश होती है तो फायदा है अन्यथा इस तरह के मौसम से फसलों में ईल्लियों का प्रकोप बढऩे के साथ धनिए, मसूर, गेंहूं में आ रहे फूल गिरने की संभावना प्रबल होती जा रही है। मौसम की मार का बच्चों व बुजुर्गो के अलावा अवारा, असहाय मवेशियों पर खासा असर पड़ रहा है। ग्रामीण दिनभर अलाव का सहारा ले रहे तो मवेशी भी अलाव के पास आकर राहत का प्रयास कर रहे है। तेज शीतलहर के कारण लोग घरों से नही निकल पा रहे है इस कारण बाजारों में भी छायी हुयी है। मौसम के जानकारों का कहना है कि अभी दो तीन और मौसम खराब रहने की संभावना है।