रिश्ते को कलंकित करने वाली मामी और बड़ी मां सहित 03 आरोपियों को 30 साल की कैद*

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राजगढ। जिला न्यायालय राजगढ में पदस्थ तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं विषेष न्यायाधीष पाॅक्सो एक्ट श्री अब्दुल कदीर मंसूरी राजगढ ने अपने न्यायालय के सत्र प्रकरण क्रमांक 131/2022 धारा 376, 370, 376(2)एन, 376/109 भादवि एवं 5/6 पाॅक्सो एक्ट में फैसला सुनाते हुयेें अभियुक्तगण *रिश्ते को कलंकित करने वाली मामी और बड़ी मां एवं अभियुक्त राजबाबू* को 30-30 वर्ष के सश्रम कारावास और 30,000/-रू के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। *इस प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री आलोक श्रीवास्तव राजगढ ने की है।*
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 23.2.2021 को आरोपी राजबाबू (परिवर्तित नाम) ने पुलिस को यह सूचना दी कि उसकी पत्नी खाना नहीं बनाती है और घर से भाग रही है। जिसपर खिलचीपुर पुलिस आरोपी राजबाबू (परिवर्तित नाम) के घर पहुची और पीड़ित बालिका जिसे आरोपी अपनी तथाकथित पत्नि बता रहा था को लेकर थाना आए। पुलिस द्वारा पीड़ित बालिका की काउंसलिंग हेतु चाईल्डलाईन को सूचना दी। चाईल्डलाईन के सदस्य निकिता मेवाडे एवं मनीष दांगी थाना खिलचीपुर पहुंचे। जहां चाईल्डलाईन की महिला सदस्य ने पीड़ित बालिका से पूछताछ की। पूछताछ पर नाबालिग 14 वर्षीय बालिका ने बताया कि उसे *उसकी बडी मां और मामी उसे गोदिया से भोपाल* ले आई थी। भोपाल में लाकर आरोपी राजबाबू (परिवर्तित नाम) को बुलवाकर उसे 30 हजार रूपये में बेच दिया। तब चाईल्डलाईन की महिला सदस्य निकिता मेवाडे की ओर से थाना खिलचीपुर अपराध क्रमांक 572/21 की रिपोर्ट पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण का *अनुसंधान उपनिरीक्षक मोनिका राय* के द्वारा किया गया।
*अनुसंधान में यह पाया गया* कि आरोपी राजबाबू (परिवर्तित नाम) ने पीड़ित बालिका की बडी मां और मामी से साठ गाठ कर पीड़ित बालिका जिसकी मां का निधन हो चुका था और वह अपने पिता और नाना के साथ जिला गोंदिया के एक गांव में निवास करती थी। एक दिन भोपाल से उसकी बड़ी मां उसके गांव आई और उसे अपने साथ भोपाल ले आई और भोपाल में लाकर आरोपी राजबाबू (परिवर्तित नाम) को बुलवाकर उसे 30 हजार रूपये में बेच दिया। *आरोपी राजबाबू (परिवर्तित नाम) द्वारा 14 वर्षीय पीड़ित बालिका से विवाह का नाटक कर उसके साथ 20 बार बलात्कार किया।* आरोपी राजबाबू (परिवर्तित नाम) की भाभी पीड़ित बालिका से घर के पूरे काम करवाती थी, खाना बनवाती थी। काम में देरी होने पर पीड़ित बालिका के साथ मारपीट करती थी। जिसके कारण पीड़ित बालिका एक दिन मौका देखकर घर से भाग रही थी। तब आरोपी ने उसे भागते हुए पकड़ लिया। *आरोपी राजबाबू (परिवर्तित नाम) के होंसले इतने बुलंद थे कि उसने स्वयं पुलिस को बुलवाकर पीड़ित बालिका की शिकायत की।* पीड़ित बालिका के कथनों के आधार पर यह पाया गया कि उसकी *बड़ी मां और मामी ने मिलकर उसे देह व्यापार करने के लिए ना केवल आरोपी को बेचा बल्कि उसे आरोपी के साथ शारीरिक संबंध बनाने हेतु दुष्प्रेरित भी किया।* आरोपी पीड़ित बालिका को शारीरिक संबंध बनाने से मना करने पर उसे दूसरे व्यक्ति को बेचने की धमकी देता था, और फिर उसके साथ संबंध बनाता था। आरोपी ने 20 बार पीड़ित बालिका से बलात्कार किया था। इस केस में साक्ष्य समीक्षा के दौरान जिला अभियोजन अधिकारी राजगढ़ ने भारतीय दंड संहिता की धारा 370 बढवा कर चालान न्यायालय पेश कराया !
अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र विचारण हेतु न्यायालय प्रस्तुत किया गया। विचारण के दौरान पीडित बालिका की साक्ष्य आवश्यक थी किन्तु *राजगढ से गोदिया की दूरी बहुत अधिक होने से पीडित बालिका न्यायालय में नही आ पा रही थी। तब विचारण के दौरान दिनांक 27/04/2023 को जिला न्यायालय गोंदिया से वीडियों कान्फेंरसिंग के माध्यम से प्रकरण के भार साधक लोक अभियोजक ने पीडित बालिका को उपस्थित करवाया* साथ ही पीडित बालिका की माॅं और नाना के कथन भी वीडियों कान्फ्रेंसिग के जरिऐ न्यायालय में लेख करवाये गये।
प्रकरण पाॅक्सो एक्ट का था जिसमें पीडित बालिका की आयु प्रमाणिकरण महत्वपूर्ण कारक था किन्तु गोदिया के स्कूल से शिक्षक को भी अपना स्कूल का रिकार्ड लाकर प्रस्तुत करने में परेशानी थी इस कारण उन्हें भी ब्ही.सी. के जरिये ही गोंदिया (महाराष्ट्र) जिला न्यायालय में उपस्थित करवाया गया और वीडियो के माध्यम से connect कर राजगढ़ न्यायालय में उपस्थित कराया.
प्रकरण में विचारण के दौरान प्रकरण में भारसाधक विषेष लोक अभियोजक श्री आलोक श्रीवास्तव राजगढ द्वारा माननीय न्यायालय के समक्ष अभियोजन की ओर प्रकरण के 11 महत्वपूर्ण गवाह के रूप में पीडित बालिका, उसके पिता, नाना एवं स्कूल के प्रधानध्यापक, डाॅक्टर एवं अनुसंधानकर्ता अधिकारी उपनिरीक्षक मोनिका राय एवं प्रवीण जाट के कथन करायें गयें। विचारण उपरांत माननीय न्यायालय ने अभियुक्त राजबाबू (परिवर्तित नाम), पीड़ित बालिका की बड़ी मां और मामी को धारा 376 भा.द.वि. एवं 5/6 पाॅक्सो एक्ट मे प्रत्येक को 20-20 वर्ष तथा देह व्यापार के अपराध में धारा 370 भादवि में 10 वर्ष का सश्रम कारावास और 30,000/-रू के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।