*
       जीरापुर (सं.):- मध्य प्रदेश में 12वीं के बोर्ड एग्जाम मंगलवार 6 फरवरी से शुरू हो गए हैं, लेकिन परीक्षार्थियों के लिए  तुगलकी फरमान परेशानी का सबब बन गया है।
      वैसे बोर्ड परीक्षा को लेकर कड़े पाबंद किये गये है जहां पर मोबाइल फोन सहित अनुशासन का पुरा पालन हो रहा है। लेकिन केन्द्राध्यक्ष के परमान के सामने परीक्षार्थी ठंड से परेशान होकर परीक्षा कक्ष में शामिल हुए।
     गौरतलब है कि नगर सहित आसपास क्षेत्र में सोमवार शाम से हो रहा बारिश जैसा मौसम , शीतलहर से मौसम में बदलाव के चलते तापमान में गिरावट आई है और ठंड बढ़ गई है।
     जीरापुर में हायर सेकेंडरी की परीक्षा देने पहुंचे छात्रों से उनके गर्म कपड़े परीक्षा केंद्रों के बाहर ही उतरवा लिए गए, जिसकी वजह से बच्चों को शीतलहर एवं ठंड में परीक्षा कक्ष में ऊनी कपड़े के बिना। ठिठुरन के साथ परीक्षा देना पड़ी।
एक ओर एग्जाम का प्रेशर और दूसरी तरफ शीतलहर ठंड के बीच में बिना गर्म कपड़ों के बैठना. ऐसे में बच्चों का पेपर देने पर कितना फोकस हो पाएगा?
    ये हालात बने हैं केंद्राध्यक्ष की मनमानी की वजह से छात्रों को ठंड में परीक्षा देने को मजबूर होना पड़ा।
असल में  मंगलवार सुबह से ही मौसम में बदलाव आ गया है.  तापमान (पारा )गिरा हुआ है. वहीं, जब  जीरापुर में बने शासकीय कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल परीक्षा केन्द्र ओर विजया कान्वेंट स्कूल परीक्षा केंद्र पर मंगलवार सुबह बच्चे पहला पेपर देने पहुंचे तो केंद्र के बाहर ही उनके स्वेटर-जैकेट और अन्य  गर्म कपड़े उतरवा लिए गए. बच्चों ने ठंड का हवाला भी दिया तो उन्हें नियमों की बात कह कर चुप कर दिया गया. 
इसकी वजह से अंदर ठिठुरन भरी सर्दी के बीच में पेपर देना पड़ा।
*बच्चों के रिजल्ट और स्वास्थ्य पर पड़ सकता है असर*
एक ओर सरकार और शिक्षा विभाग बच्चों को तनाव रहित परीक्षाएं देने की बात करते हैं. वहीं इस ठंड में भी बच्चों को बिना गर्म कपड़ों के परीक्षा के लिए तीन घंटे बैठना पड़ा. ऐसे में बच्चे अब परीक्षा पर फोकस करें या ठंड से बचने पर? स्थिति अगर आगे भी यही रही तो इस बार बच्चों की परीक्षा के नतीजे प्रभावित होने की आशंका बनी रहेगी. साथ ही इन परीक्षार्थियों के बीमार होने का भी खतरा होगा.
परीक्षा देकर बाहर आई छात्राओं ने बताया कि हमारे केंद्र के गेट पर ही गर्म कपड़े उतरवा लिए इसलिए परीक्षा में हमें काफी ठंड लगी। जबकि परीक्षा ले रहे शिक्षक शिक्षिकाओं ने ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहन रखे थे। 
     *इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी देवेंद्र सिंह रघुवंशी से फोन पर हुई बात में बताया कि गर्भ कपड़े निकालने का कोई आदेश नहीं है केंद्राध्यक्ष को शंका हुई होगा इसलिए निकलवाए होंगे। इसकी जांच कराई जाएगी आगामी पेपर में किसी भी छात्र का गर्म कपड़ा नहीं उतराये जाएंगे।*

*अनु विभागीय अधिकारी अंकिता जैन को तत्काल पत्रकार ने मोबाइल से अवगत कराया उन्होंने  एक्शन लेते हुए कहा कि में अभी दिखाती हूं*