प्राथमिक शालाओं में एफएलएन मेले आयोजित हुए ग्राम रामपुरिया में कलेक्टर ने मेले में की शिरकत

राजगढ
जिले में निपुण भारत के अंतर्गत कक्षा 3 तक के बच्चों को हिन्दी, अंग्रेजी, गणित विषय में निपुण लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रयासों शालाओं में किये जा रहे है। इसी के साथ सामुदायिक सहभागिता एवं पालकों माताओं के साथ दैनिक जीवन में बच्चों के घर पर सीखने के प्रयास बनाये रखने तथा पालकों को सीखने में भागीदार बनाने की जागरुकता के उद्देश्य से 09 फरवरी को राज्य शिक्षा केंद्र के निर्देशानुसार सीएम राइज विद्यालय सहित जिलेभर के प्राथमिक विद्यालयों में कलेक्टर एवं मिशन संचालक समग्र शिक्षा अभियान श्री हर्ष दीक्षित के मार्गदर्शन में एफएलएन मेला के द्वितीय चरण का आयोजन किया गया।
कलेक्टर श्री हर्ष दीक्षित द्वारा विकासखंड राजगढ की प्राथमिक शाला रामपुरिया में उपस्थित होकर मेले का अवलोकन किया गया। अवलोकन करते समय शाला स्टॉफ सहित बडी संख्या में बच्चों की मातायें उपस्थित थी एवं शाला में मेले अंतर्गत कौशल आधारित गतिविधियां जारी थी। कलेक्टर के पहुंचते ही वालिंटेयर बच्चों द्वारा पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत किया गया। कलेक्टर के समक्ष भी मेले की सभी गतिविधियां बच्चों द्वारा उत्साह पूर्वक की गई। कलेक्टर द्वारा शिक्षकों के शाला में प्रयास को देखते हुये कार्य सराहना की गई। उपस्थित माताओं से प्रतिदिन बच्चों को शाला में भेजने तथा गतिविधियों को समझ कर बच्चों को घर पर भी इसी प्रकार सिखाने में भागीदार बनने की बात कही। उपस्थित माताओं द्वारा भी अपेक्षा अनुरुप सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया। मिशन संचालक कलेक्टर श्री दीक्षित द्वारा शाला भवन में आवश्यक मरम्म्त हेतु उपस्थित एपीसी को उपयंत्री के माध्यम से एस्टीमेंट प्रस्तुत करने का निर्देश दिये तथा शैक्षिणिक गुणवत्ता अच्छे पाये जाने पर बच्चों को पेन एवं कापी वितरित किये।
मेले हेतु सभी शालाओं में कई दिनों से तैयारियां जारी थी। जिसमें शिक्षकों द्वारा कक्षा 1 व 2 में अध्ययनरत बच्चों की माताओं के मोहल्लेवार समूह निर्मित किये। उनके साथ बच्चों के समग्र विकास हेतु कई चर्चाये पालक/माताओं से शाला स्तर पर की गई। एक दिवस पूर्व सभी माताओं को अपने बच्चो के साथ शाला में आमंत्रित किया। शाला में मेले दिवस को विभिन्न सामग्रीयों के साथ गतिविधियों हेतु माताओं/वालिंटियर के सहयोग से 06 स्टाल लगाये गये। प्रथम स्टाल पंजीयन के साथ शारीरिक व बौद्विक विकास के कौशल की जांच हेतु बनाये स्टाल पर संतुलन बनाकर चलना, कूदना, पेपर फोंल्डिंग, रंग पहचान, वर्गीकरण जैसी गतिविधियां रही। भाषा विकास के स्टाल पर चित्र पठन, पढना गतिविधि गणित पूर्व तैयारी के स्टाल पर आकार पहचान, गिनना, अंक पहचान सहित जोडने व घटाने की गतिविधि कराई गई।
भाषा विकास अंतर्गत लेखन कौशल भी बच्चों से माताओं के समक्ष परखा गया। बच्चों के कोने स्टाल पर आकृति में रंग भरना, रंगों द्वारा चित्र पूर्ण किया जाना गतिविधि कराई गई। सामाजिक व भावनात्मक विकास के स्टाल पर भाव पहचान की गतिविधि कराई गई। प्रत्येक बच्चों को माताओं के साथ गतिविधि कराते हुये राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा उपलब्ध कराये गये। रिपोर्ट कार्ड पर उनके गतिविधी कराते हुये प्राप्त कौशलों को कठिनाई के बढते क्रम में अंकित किया गया तथा मेले उपरांत बच्चों को माताओं के साथ मेला रिपोर्ट कार्ड प्रदान किये गये।
जिले के सभी प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों द्वारा मेला आयोजित कर माताओं अभिभावक के समक्ष कौशल परीक्षण की गतिविधियां कराते हुये रिपोर्ट कार्ड वितरित किये। शालाओं में बच्चों की माताओं के द्वारा भी पूरे समय उपस्थित रहकर गतिविधियो को समझते हुये सहयोग किया। मेले के निरीक्षण हेतु जनशिक्षा स्तर पर जनशिक्षकों ने विकासखंड की शालाओं में बीआरसी एवं बीएसी तथा जिले स्तर पर पदस्थ समस्त एपीसी, निपुण प्रोफेशनल तथा जिला परियोजना समन्वयक तथा डाईट के सदस्यों द्वारा भी विभिन्न क्षेत्र की शालाओं में आयोजित मेले का अवलोकन किया गया। मेले आयोजन उपरांत राज्य द्वारा उपलब्ध कराई लिंक पर मेले संबधी एवं निरीक्षण की जानकारी दर्ज की गई। डीपीसी द्वारा नरसिंहगढ व सारंगपुर की रायपुरिया, बाबल्दा, बाबल्दी, भीलखेडी आदि शालाओं का निरिक्षण किया गया। जिला शिक्षा केंद्र द्वारा जानकारी दी गई कि मार्च माह में भी पालक के साथ फालोअप बैठके शालाओं में आयोजित की जाएगी एवं जिले में निपुण लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु विभिन्न स्तरों पर कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत के मार्गदर्शन में सतत कार्य जारी रहेगा।