नेशनल लोक अदालत के अवसर पर जिला स्तरीय पुलिस परिवार परामर्श केन्द्र राजगढ में सुनवाई के दौरान प्रथक प्रथक रह रहे 10 परिवारों को आपस में मिलवाया।

पति पत्नी के बीच मनमुटाव के चलते हो गई थी दूरियां, गिले-शिकवे दूर कर फिर हुए एकजुट
नेशनल लोक अदालत के अवसर पर माननीय प्रथम न्यायाधीश न्यायालय राजगढ़ द्वारा जिला स्तरीय पुलिस परिवार परामर्श केंद्र राजगढ़ को आपसी पति-पत्नी के निराकरण हेतु खंडपीठ क्रमांक 25 का गठन किया गया था। जिसमें आज पुलिस अधीक्षक राजगढ़ श्री धर्मराज (भापुसे) के कुशल निर्देशानुसार एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री आलोक कुमार शर्मा के कुशल मार्गदर्शन में गठित कमेटी में पीठासीन अधिकारी श्रीमति नैहा गौर उप पुलिस अधीक्षक महिला सुरक्षा शाखा राजगढ, अधिवक्ता श्री कमल रूहेला व महिला थाना प्रभारी श्रीमति नैहा शर्मा के द्वारा 12 प्रकरणों की सुनवाई की गई जिनमें से 10 प्रकरणों में आपसी पति-पत्नी के मनमुटाव के कारण प्रथक प्रथक रह रहे थे, जिन्हें समझाइश परामर्श देने उपरांत पुरानी सभी बातों को भुलाकर पुनः एक साथ रहने को तैयार हुए जिसमें 10 परिवारों का घर विघटन होने से रुका 01 में घरेलू हिंसा के तहत कार्यवाही की गई, 01 प्रकरण में दोनो पक्ष उपस्थित नही होने से आगामी परामर्ष तिथि दी गईं।
उक्त 10 प्रकरणों मे से एक प्रकरण ऐसा था, जिनका विवाह करीब 03 वर्ष पूर्व हुआ है एवं जो करीब 03 माह से एक दूसरे से अलग-अलग रह रहे थे, जिसमें परिवर्तित नाम मोहित एवं परिवर्तित नाम कृष्णाबाई अपने-अपने माता/पिता यह रिष्ता नही रखना चाहते थे परंतु सुनवाई के दौरान दोनो ही पति/पत्नि परिवार जनों की वातो से सहमत ना होकर आपसी सुलहवार्ता स्वेच्छा से अपना वैवाहिक जीवन का निर्वाहन अब एक साथ करेगें।