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जीरापुर(सं.):-स्थानीय मेडतवाल समाज धर्मशाला परिसर में आयोजित श्री मद भागवत कथा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव हर्षोल्लास से मनाया गया।
       इस अवसर पर समूचे पांडाल को आकर्षक ढंग से सजाया संवरा गया था जैसे ही तारणहार बालकृष्ण की लीला का गुणगान किया गया कथा स्थल पर मौजूद श्रद्धालु जन झूमे श्रद्धालु भक्तों ने पुष्प वर्षा की।
       व्यासपीठ से प्रसिद्ध भागवत कथा वाचक पंडित सुरेशबिहारी नागर ने अपने मुखारविंद से कथा श्रवण कराते हुए भगवान के विभिन्न अवतारों का वर्णन किया तथा समुद्र मंथन की लीला का बताई जिसमें देव और दानवो द्वारा समुद्र का मंथन , भगवान विष्णु के मोहीनी अवतार का वृतांत सुनाया। भगवान राम के अवतार की कथा का वर्णन कर बताया की राजा दशरथ ने पुत्र कामेष्टि यज्ञ कराया जिससे उनके यहां चार पुत्रों का जन्म हुआ रामायण के सभी प्रसंगों का वर्णन संक्षिप्त कर बताया की जब जब धरती पर आसुरी शक्ति प्रबल हुई नारायण ने पृथ्वी पर अवतरित होकर उनका नाश किया ।
    रावण द्वारा सीता का हरण करने पर राम ने लंका पर चढ़ाई की और रावण का वध किया।
द्वापर युग में कंस के अत्याचारों से धरती पर पाप बढ गया था देवकी वसुदेव विवाह प्रसंग का वर्णन कर बताया की आकाशवाणी हुई की देवकी का आठवां पुत्र कंस का वध करेगा कंस देवकी वसुदेव को कारागार में डाल देता है कंस सात पुत्रों की हत्या कर देता है। धरती की करुण पुकार सुनकर नारायण भादवे की अष्टमी की मध्य रात्रि में भगवान श्री कृष्ण का जन्म होता है। जैसे ही कृष्ण का जन्म हुआ कारागार के ताले खुल गये सारे पहरेदार सौ गये वसुदेव जी श्रीकृष्ण को यमुना नदी पार कर यशौदा के घर गोकुल पहुंचा देते हैं। भगवान श्री कृष्ण के जन्म के साथ ही कथा पांडल में पुष्प वर्षा होने लगी उपस्थित श्रद्धालुओं ने सुमधुर भजनों पर नाच गाकर कृष्ण जन्मोत्सव मनाया ।
प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त कथा श्रवण का लाभ प्राप्त कर रहे।