ब्रह्माकुमारी आश्रम में धूम-धाम से मनाया गया गुरु पूर्णिमा महोत्सव*
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प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शिव वरदान भवन राजगढ़ में गुरु पूर्णिमा का उत्सव बड़े ही हर्षोल्लाह से मनाया गया। इस अवसर पर सारंगपुर सेवाकेंद्र संचालिका बीके विजयलक्ष्मी दीदी ने इसका आध्यात्मिक रहस्य समझाते हुए कहा कि गुरु पूर्णिमा अर्थात गुरु ही एक पूर्ण मां है जो हमें अज्ञान अंधकार से निकलकर ज्ञान का प्रकाश देते हैं। आज अपने गुरुओं के प्रति आदर भाव एवं श्रद्धा भाव प्रकट करने का यह दिन है। उन्होंने कहा कि जीवन की इस यात्रा में मनुष्य की जीवन यात्रा माता, पिता, भाई, बहन और दोस्तों के साथ चलते-चलते जीवन की अंतिम यात्रा सुखमय होने के लिए गुरु की अत्यंत आवश्यकता होती है, क्योंकि गुरु को मुक्ति एवं सद्गति देने वाला कहा जाता है।
गुरु के बिना सद्गति नहीं, किंतु कौन-से गुरु से सद्गति की प्राप्ति होती है तो गुरु की पहचान देने वाले गुरु के प्रति अपनी भावनाओं को प्रकट करने वाला एक बहुत सुंदर श्लोक है, जिसके शब्द हैं नाथ:अर्थात् जो समर्थ सद्गुरु है, वह सर्वशक्तिमान है। वह ओमकार स्वरूप है, जो अनाथों के नाथ है और जो ज्ञान का सागर है। ऐसे सद्गुरु परमात्मा शिव को इस पावन बेला पर कोटि-कोटि नमन है। इस कार्यक्रम का उद्घाटन कृषि उपसंचालक हरीश मालवीय, राजेंद्र जोशी काका,ब्रह्माकुमारीज की जिला प्रभारी ब्रह्माकुमारी मधु दीदी, रिटायर्ड एसडीओ आरसी शर्मा के द्वारा किया गया। ब्रह्माकुमारी मधु दीदी ने शुभकामना देते हुए कहा कि देवशयनी ग्यारस के बाद गुरु पूर्णिमा का त्यौहार मनाते हैं इसका मतलब है कि जब हमारे अंदर देवत्व खत्म हो जाता है, तो परम सद्गुरु शिव परमात्मा आकर के हमें ज्ञान का प्रकाश देकर गति, सद्गति का मार्ग बताते हैं। इस अवसर पर सभी अतिथियों ने अपनी शुभकामनाएं दी। अंत में परम सद्गुरु शिव परमात्मा की आरती कर उनसे वरदान प्राप्त किये। कन्हैयालाल चौधरी और उनके परिवार तथा सेवाकेंद्र से जुड़ी माताओं द्वारा जिले भर से पधारी हुई 21 दीदीयों का पुष्पमाला अंगवस्त्र व सौगात देकर सम्मानित किया गया। तत्पश्चात सभी ने ब्रह्मा भोजन भी स्वीकार किया। इस कार्यक्रम का सफल संचालन बीके सुरेखा दीदी के द्वारा किया गया। कुमारी अनादी द्वारा गुरु की महिमा में सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया इस अवसर पर जिले भर से जुड़े ब्रह्माकुमारीज के बड़ी संख्या में भाई बहन उपस्थित रहे।