कलेक्टर साहब शाला भवन जर्जर,कवेलू के मकान में बैठकर पढ़ने को मजबूर ननिहाल
संदावता राहुल भगवान। नगर के समीप स्थित भयाना संकुल के प्राथमिक विद्यालय खेराचाखेड़ी में संचालित हो रहे शैक्षणिक विद्यालय के भवन की हालत बहुत जर्जर है। जिन करो कमरे में बच्चे को शिक्षक पढ़ाते हैं। उन विद्वानों की छत का प्लास्टर गिर रहा है। बारिश के मौसम में जब भी बारिश होती है तो छत से पानी टपकता है। सारे कमरे मसाला हो जाते हैं। छत से शर्त गिरता है और छत के सरिये भी निकल रहे हैं। सरियो में जंग लग गई है। और पूरी तरह से ठीक हो गया है। बच्चों की पढ़ाई करना तक मुश्किल हो जाता है। हमेशा छत डेल का डर बना रहता है। यहां तक की छत पर बंदर के कूदने पर भी छत से मटेरियल गिरता है। ग्रामीण अमरीश पाल व जीवनसिंह पाल का कहना है कि छत कभी भी गिर सकती है इस स्थिति में बच्चों को स्कूल नहीं भेजा जा रहा है जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। इस विषय को पहले भी पत्रिका में प्रकाशित किया जा चुका है। यूएसके के बाद सारंगपुर बीआरसी बी.एल.वर्मा और इंजीनियर पवन जोशी ने स्कूल जा कर दूसरी जगह बच्चों को शिक्षा देने की व्यवस्था की। ।। वह भी बंदरों के कूदने से कवेलू तोड़कर नीचे की मंजिल पर हैं।जिससे भी कोई भी हादसा हो सकता है।
स्कूल में 81बच्चे का प्रवेश है। और चारों ओर गणेश की छत की यही स्थिति है। ऐसे में बच्चों को शैतान के अंदर बैठने का डर लगता है। कहीं कोई हादसा ना हो जाए। क्योंकि वही बार ओपन सीजन में चिल्ड्रन को आउटर बीटा कर पांच क्लास संचालित की जा रही है।
संदावता क्षेत्र के ऐसे और भी आभूषणों की यही स्थिति है। जहां पर एक या दो स्काई में ही पांच शोरूम संचालित की जा रही है। ऐसे में शिक्षा का स्तर कितना मजबूत हो सकता है।
पिछले वर्ष पवन जोशी इंजीनियर जिला पंचायत सारंगपुर को भवन की छत का फोटो खींचकर व पंचनामा बनवा कर दिया था व शिक्षा विभाग को भी इसी तरह की बार करवा दिया था। आज तक बिल्डिंग का पत्ता नहीं खुला।
रिओल्ट नेवोनॉमिक्स का चुनाव किया थाकार भविष्य
पुनर्वित्त का कहना है कि नई बिल्डिंग का निर्माण करने के लिए व स्कूल के समर्थकों को लेकर भी विपक्ष चुनाव में मतदान करने को तैयार है। हुए थे। फिर भी आज तक ना नई बिल्डिंग हुई ना स्कूल का ना बाजार हुआ।
मेरे द्वारा पहले भी एस्टीमेट बाय भेजा गया है। ग्राम पंचायत द्वारा वसूली के लिए आदेश दिया गया था। में कल जा कर सुनावा हूँ।
पवन जोशी
इंजीनियर जे.पी.सारंगपुर