द्वारा-दिनेश जमींदार पत्रकार जीरापुर* *मित्रता ऐसी रखना कि कृष्ण सुदामा जैसी हो जो दुःखी समय में काम आये
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*--पंडित सुरेश बिहारी जी नागर*
जीरापुर(सं.):-स्थानीय मुंदड़ा कॉलोनी स्थित विश्वनाथ मंदिर परिसर में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के अन्तिम दिवस सुदामा कृष्ण प्रसंग का वर्णन किया।
जहां पर संगीतमय सुमधुर भजनो पर महिलाओं ने नृत्य कर भक्ति रस में आनंद लिया।
कथा में व्यासपीठ से पंडित सुरेश बिहारी जी नागर ने सुदामा चरित्र प्रसंग को बताते हुए कहा की संसार में कृष्ण सुदामा की मित्रता का सर्वोपरि स्थान है। सुदामा जब दुखी समय से कृष्ण से मिलने गए ओर जब कृष्ण के पास पहुंचे तो भगवान कृष्ण ने सुदामा को राजा बना दिया।इस मित्रता को कोई भुला नहीं सकता है।
भागवत कथा प्रसंगों का सम्पूर्ण संक्षिप्त में वाचन कर बताया की कलयुग मे भगवान के नाम का सुमिरन करने का अपना विशेष महत्व है जब भी समय मिले उसका सदुपयोग करते हुए ईश्वर का सुमिरन करे|
पंडित नागर ने भगवान नारायण के सभी अवतारों का उल्लेख कर बताया की धरती पर धर्म की रक्षा करने के लिए परमात्मा अवतरित होकर धर्म की रक्षा करते हैं अपने भक्तो की करुण पुकार पर नारायण दौड कर आते है सदैव आवश्यकता है हमें भी प्रभु का सच्चे ह्रदय से सुमिरन करने की! कृष्ण सुदामा चरित्र का उल्लेख भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा ने एक साथ उज्जैन में सांदीपनी के आश्रम में शिक्षा ग्रहण की उसी समय ब्राह्मण सुदामा और कृष्ण की मित्रता हुई एक भूल ने सुदामा को निर्धन बना दिया गरीबी परेशानी के बीच सुदामा भगवान की भक्ति में लीन रहता था अपनी पत्नी के कहने पर सुदामा द्वारिकाधीश से मिलने गए सुदामा द्वारिका पहुचते है द्वारपाल सुदामा को मिलने नही देते पर जैसे ही कृष्ण को पता चला की द्वार पर सुदामा आया है तो भगवान अपने बालसखा से मिलने दौड़ पडते है श्रीकृष्ण अपने आंसूओ से सुदामा के पैर धोते, एक मुट्ठी चावल के बदले सुदामा को तीनो लोक की सम्पत्ति प्रदान कर देते| पंडित नागर ने कहा की कृष्ण सुदामा की मित्रता आज भी लोगों के लिए प्रेरणादायी बनी हुई है अपने ईष्ट पर विश्वास रखने से परमात्मा की कृपा निश्चित रूप से होती है भागवत महापुराण का श्रवण करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है |
और बताया की कलयुग में भगवान के नाम का जप करना विशेष महत्व रखता है घर में सुख शांति और समृद्धि की कामना कर श्रीमद् भागवत् महापुराण की पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया|
उक्त भागवत कथा का आयोजन मुंदड़ा कॉलोनी के परिवारो द्वारा आयोजित हुई।