राजगढ 05 नवम्‍बर, 2024
कलेक्‍टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा के निर्देशानुसार देवउठनी ग्यारस के अवसर पर बड़ी संख्या में विवाह, साथ ही आगामी महिनों में विवाह मुहुर्त प्रारंभ होने से अधिक संख्या में विवाह, जिनमें बाल विवाह होने की आशंका अधिक रहती है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार विवाह हेतु लडके की उम्र 21 वर्ष एवं लड़की की उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। देवउठनी ग्यारस के अवसर पर सामूहिक विवाहों में बाल विवाह होने की आशंका अधिक रहती है। विकासखंड में कार्ययोजना/ रणनीति के तहत कार्य करते हुए, बाल विवाह रोकने के कार्य को प्राथमिकता देते हुए संघन अभियान चलाए। जिसमें समस्त शासकीय विभागों के अधिकारियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। साथ ही आंगनवाडी स्तर पर 18 वर्ष से कम उम्र की बालिकाओं एवं 21 वर्ष से कम उम्र के बालक की जानकारी एकत्रित कर सूची तैयार की जाए। ग्राम स्तर एवं विकासखंड स्तर पर बाल विवाह रोकथाम हेतु दल गठित किया जाए। आंगनवाडी केन्द्र पर बाल विवाह की सूचना प्राप्त करने हेतु सूचना तंत्र का गठन करें जिसमें शिक्षक, एएनएम, आशा कार्यकर्ता, स्व-सहायता समूह की सदस्य, शौर्यादल की सदस्य, आंगनवाडी कार्यकर्ता, सहायिका मातृ सहयागिनी समिति, सरपंच, पंच, ग्राम पंचायत सचिव आदि हो सकते हैं। खंड स्तर पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 पर कार्यशाला का आयोजन किया जाए एवं विवाह में सेवा देने वाले सेवा प्रदाताओं जैसे प्रिटिंग प्रैस, हलवाई, केटर्स, धर्मगुरू, बैण्डवाला, ट्रासपोर्ट, समाज के मुखिया, जनप्रतिनिधियों एवं अशासकीय सस्थाओं के प्रतिनिधियों को कार्यशाला के माध्यम से संवेदीकरण कर बाल विवाह में अपनी सेवाएँ न देने की अपील की जाए। अंतगर्विभागीय समन्वय से बाल विवाह की सूचना एवं रोकथाम हेतु विकासखंड स्तर पर एक कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए एवं कंट्रोल रूम में उपयोग में लाए जा रहे दूरभाष नम्बर का प्रचार-प्रसार किया जाए। पुलिस थाना, चाईल्ड लाईन 1098, महिला हेल्पलाईन 181, कलेक्टर/अनुविभागीय कार्यालय, जिला / परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास एवं विभिन्न विभागों के स्थानीय अधिकारियों के दूरभाष नम्बर का भी प्रचार-प्रसार किया जाए। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 का सघन प्रचार-प्रसार किया जाए। विवाह स्थल में वर/वधु के उम्र संबंधी दस्तावेजों का प्रतिपरीक्षण बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार कराया जाए।