क्यों जी मुक्तिधाम नही होने से खुले में करना पड़ रहा अंतिम संस्कार राहुल गौड़ संडावता।
जहां एक तरफ सरकार विकास के दावे करती है वही गांवो में जाकर देखें तो यह दावे सिर्फ कागजों में ही सिमट कर रह जाते हैं , अभी भी ग्रामीण असुविधाओं में जीवन यापन कर रहे हैं ।कुछ ऐसा ही नजारा संडावता के समीप स्थित खिलचीपुर जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत देवली सांगा के पुवारखेड़ी गांव में देखने को मिला है जहा आजादी के बाद से लेकर अभी तक मुक्तिधाम नहीं बना है मुक्तिधाम ना होने के कारण ग्रामीणों को गांव के किसी नागरिक की मृत्यु होने पर अनेक असुविधाओं के बीच अंतिम संस्कार करना पड़ता है ।बारिश के समय तो यहां स्थिति रहती है कि चिता के ऊपर अस्थाई चद्दर लगाने पड़ते हैं वह शमशान तक जाने के लिए कीचड़ में से गुजरना पड़ता है वहीं ग्रामीणों ने गांव में मुक्तिधाम के लिए जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक आवेदन दिए मगर विडंबना रही की आवेदन महज कागजों में सिमट कर रह गए धरातल पर गांव में अभी तक कुछ काम नहीं हुआ ।वही ग्रामीण लखन कुशवाह,रोडमल कुशवाह , नंदराम, जीवन, संतोष कुशवाह, रामेश्वर सहित अन्य ग्रामीणों का कहना है की हमारे गांव में मुक्तिधाम न होने के कारण अंतिम संस्कार करने में काफी परेशानी होती है ,बारिश के समय में तो त्रिपाल या अस्थाई चद्दर लगा कर अंतिम संस्कार करना पड़ता है।
हमने जिले सहित भोपाल तक आवेदन दिए है वही वह मुक्ति धाम निजी जगह पर है वही ग्रामीण शासाकीय जगह पर मुक्ति धाम बनने के लिय सहमत नही है, शासन निजी जगह पर निर्माण कैसे करवा दे।
कृष्णपाल सिंह उमठ
सचिव ग्राम पंचायत देवली सांगा