आमजन को जनोन्मुखी एवं सुलभ प्रशासनिक व्यवस्था उपलब्ध कराने की दृष्टि से कार्य कर रहा है प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग की बैठक संपन्न, पुनर्गठन में जनता की राय भी होगी महत्वपूर्ण

राजगढ 15 फरवरी, 2025
प्रशासनिक पुनर्गठन का उद्देश्य जनोन्मुखी सुलभ प्रशासन हो एवं कोई भी नई तहसील ब्लॉक या ग्राम पंचायत बनाते समय उसकी सीमा जिले में शामिल करने से पहले उस स्थान की भौगोलिक स्थिति, जनसंख्या, स्ट्रक्चर, मूलभूत सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए। यह बात शनिवार को जिला मुख्यालय पर राज्य प्रशासनिक पुर्नगठन आयोग के सदस्य श्री एसएन मिश्रा, श्री मुकेश शुक्ला एवं सचिव श्री अक्षय कुमार सिंह द्वारा आयोजित बैठक में कही गई। बैठक में कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा, अपर कलेक्टर श्री शिवप्रसाद मण्डराह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री आलोक शर्मा सहित समस्त अनुविभागीय राजस्व अधिकारी एवं तहसीलदार उपस्थित थे।
आयोग के सदस्यों बैठक में सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारी एवं तहसीलदारों को निर्देश दिए कि वह किसी भी प्रशासनिक इकाई के पुनर्गठन से पहले जनप्रतिनिधियों एवं जनता से फीडबैक लेकर आपस में समन्वय स्थापित करके राजस्व सीमाओं के पुनर्गठन का प्रस्ताव कलेक्टर को प्रेषित करें। कलेक्टर सभी प्रस्ताव पर विचार करके अपने सुझाव एवं निर्णय से आयोग को अवगत कराएंगे। उन्होंने कहा कि पुनर्गठन के पूर्व जनप्रतिनिधियों एवं सभी विभाग अधिकारियों से अलग-अलग चर्चा की जाए। चर्चा के दौरान बिजली पानी सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखा जाए। साथ में आम व्यक्तियों से भी चर्चा की जाए। सदस्यगणों ने बताया कि जनपद एवं तहसील की सीमाओं का पुनर्गठन किया जाना है, लेकिन यदि पुनर्गठन की आवश्यकता नहीं है तो पुनर्गठन नहीं किया जाएगा। पुनर्गठन को और अधिक जनोन्मुखी बनाया जाएगा ताकि इसके आधार पर जन अपेक्षा के आधार पर ज्यादा से ज्यादा जनता को सुविधा दिलाई जा सके। नवीन प्रशासनिक इकाई के लिए मार्गदर्शन सिद्धांत बनाए गए हैं। वर्तमान में ऐसे कई तहसील एवं ब्लॉक तथा ग्राम पंचायत है जो जिला मुख्यालय से दूर है लेकिन दूसरे अन्य जिले के समीप हैं, ऐसे प्रशासनिक इकाइयों में परिवर्तन करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता इस संबंध में बैठक भी आयोजित की जा चुकी है। प्रत्येक जिले के कलेक्टर को जनप्रतिनिधि एवं आम जनता सुझाव देगी कि कैसे सीमाओं का निर्धारण कहां पर एवं किस मान से किया जाना उचित रहेगा। कलेक्टर उसे अपडेट करेंगे। सदस्य श्री मिश्रा एवं श्री शुक्ला ने कहा कि यदि भौगोलिक गठन चाहते हैं तो बताना पड़ेगा कि कुछ तहसील एवं गांव तहसील या जिले से दूर है या अन्य किसी दूसरे जिले के करीब है। दूरी के मापदंड भी बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि नए पुनर्गठन में यह आवश्यक रूप से देखा जाएगा कि जनसंख्या का संतुलन हो।
दूरी और जनसंख्या के संतुलन का रखा जाएगा ध्यान
बैठक में बताया गया कि यदि भौगोलिक गठन चाहते हैं तो बताना पड़ेगा कि कुछ तहसील एवं गांव तहसील या जिले से दूर हैं या अन्य किसी दूसरे जिले के करीब है। दूरी के मापदंड भी बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि नए पुनर्गठन में यह आवश्यक रूप से देखा जाएगा कि जनसंख्या का संतुलन हो। साथ ही स्थानीय भाषा संस्कृति को आवश्यक रूप से संरक्षण भी दिया जाएगा। यदि किसी स्थान को हम मुख्यालय बनाना चाहते हैं तो जनसंख्या, औद्योगिक क्षेत्र एवं भौगोलिक दूरी उसकी अन्य क्षेत्र से ना हो इसका अनिवार्य रूप से ध्यान रखा जाएगा। इसके साथ ही प्रस्तावित इकाइयों की सुविधा की दृष्टि से पुनर्गठन करने या गठन हटाने के संबंध में भी आवश्यक सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में प्रदेश संरचना का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा। यदि किसी जिले की सीमा की तहसील या ग्राम को किसी दूसरे जिले की सीमा में मिलाना चाहते हैं तो उसके लिए संभाग कमिश्नर सुझाव देंगे और यदि जिले के अंदर तहसील में कोई परिवर्तन करना चाहते हैं तो इसका सुझाव कलेक्टर देंगे। बैठक में स्पष्ट किया गया कि ग्राम स्तर, पंचायत स्तर, राजस्य निरीक्षक मंडल स्तर तहसील स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की जाएगी जिसमें किसी भी प्रशासनिक इकाई का कोई युक्तियुक्तकरण विलोपन नवीन सर्जन किया जाना है तो उसका उचित प्रस्ताव तैयार कर प्रश्नावली को अद्यतन कर पृथक से शामिल कर कलेक्टर को भेजे जा सकेंगे। जिले की समस्त तहसीलों एवं अनुविभागों की बैठक के उपरांत कलेक्टर अपने स्तर पर अधीनस्थों से प्राप्त प्रस्ताव पर युक्तियुक्तकरण पर वृहद चर्चा कर उस प्रस्ताव की अंतिम रूप से तैयार कर एवं प्रश्नावली को अद्यतन कर आयोग को भेजेंगे। कलेक्टर अपने प्रस्ताव तैयार करते समय जनप्रतिनिधि की राय भी लेंगे एवं पूर्व में किसी प्रशासनिक इकाई के युक्तियुक्तकरण में यदि कोई आवेदन या मांग पत्र आया हो तो जिला स्तर पर पेंडिंग ही तो उसे भी कलेक्टर विचार में लेंगे। यहां यह भी स्पष्ट किया जाता है कि यदि परिवर्तन या युकि-युक्तिकरण विश्लोपन नवीन सृजन आवश्यक नहीं है तो न किया जाए लेकिन यदि कोई मांग इस संबंध में पूर्व से जन सामान्य की ओर से चली आ रही है तो उस पर विचार कर उसे मांग का परीक्षण अवश्य कर लिया जाए। जिला स्तर पर सभी विभागों के जिलाधिकारियों से भी चर्चा की जाए ताकि उनके विभागों की कार्य प्रणाली का भी मत आ सके। इन प्रस्ताव में मानव संसाधन की दक्षता या प्रशिक्षण या संस्थागत ढांचे की आवश्यकताओं पर भी विचार किया जाएगा। कलेक्टर समीक्षा उपरांत जिले का एक अंतिम प्रस्ताव कर प्रश्नावली को अद्यतन करेंगे। उन्होंने कहा कि पुनर्गठन में नया राजस्व ग्राम एवं नई ग्राम पंचायत नया नगरीय निकाय का गठन न किया जावे। आयोग सदस्य सचिव अक्षय कुमार सिंह ने कहा कि पुनर्गठन में भौगोलिक स्थिति के साथ जन सुविधा को देखते हुए निर्णय लिए जाएं। साथ में दी गई प्रश्नावली का उत्तर पूरे मनोयोग पारदर्शिता के साथ दिए जाएं एवं रिपोर्ट तैयार करते समय जनप्रतिनिधि, विभागीय अधिकारियों, आम नागरिकों से सुविधाओं से संबंध में रायशुमारी की जाए।
बैठक में कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि पुनर्गठन आयोग की रिपोर्ट समय सीमा में प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि पुनगर्ठन के पूर्व शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि मैदानी कर्मचारियों से भी इस संबंध में चर्चा की जाए। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों से आवश्यक सुझाव भी प्राप्त किए गए।