लीमाचौहान निवासी  अभिषेक शर्मा ने  असफलता में सफलता को तलाशते हुए कठिन परिश्रम कर देश  देश  की एसएससी परीक्षा में65 वीं रेंक हासिल कर कनिष्ठ सांखियकी अधिकारी के रूप  में अपना मुकाम बनाया है। अभिषेक का  मानना है की यदि हमें असफलता मिलें तो उससे हताश नहीं होना चाहियें , बल्कि दुगुने जोश के साथ पर फिर से मिशन पर लग जाना चाहिए।  ईश्वर उचित समय आने पर जरूर सबको सफलता देता है।   यदि युवाओ को समय रहते उचित मार्गदर्शन मिल  जाये तो वह अपनी योग्यता में निखार ला  सकते है। मेरे परिवार और मित्रों ने मुझे हर विषम समय में संबल प्रदान कर  इस मुकाम तक पँहुचाया है। 
  अभिषेक ने  बताया की एम टेक करते हुए सोलर पेनल की क्षमता बढ़ाने पर   रिसर्च किया था  जिसका प्रकाशन विख्यात थिन सॉलिड फिल्म में हुआ है। असफलता के दोरान में पुराने गीत सुनकर, फिल्में देखकर, यात्राये कर  एवं नये नये एक्सप्लेन कर फिर से  नयी ऊर्जा का साथ साथ तैयारी करने में लग जाता था। 
 अभिषेक ने प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओ को  कहा की    धेर्य धारण कर परीक्षा की तैयारी करें, खुद पर विश्वास बनाये रखें एक दिन जरूर सफलता प्राप्त होगी। अभिषेक   का परिवार शिक्षित होकर  पिताजी प्रभुदयाल शर्मा  एस डी ओ जल   संसाधन विभाग,मम्मी शिक्षा विभाग एवं  छोटा भाई आशीष  न्याय विभाग ने सिविल जज के रूप में  शाशन को अपनी सवायें दे रहे है।