जिला न्यायालय राजगढ़ में हुआ नेशनल लोक अदालत का आयोजन*

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राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा तैयार वार्षिक कैलेण्डर के अनुक्रम में तथा म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार वर्ष की द्वितीय नेशनल लोक अदालत का आयोजन दिनांक 10.05.2025 को जिला न्यायालय राजगढ़ परिसर स्थित ए.डी.आर. सेंटर के सभागृह में माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश श्री राजीव म. आप्टे की अध्यक्षता एवं जिलाधीश व कलेक्टर श्री गिरीश कुमार मिश्रा के विशेष आतिथ्य में किया गया। कार्यक्रम में जिला राजगढ़ के समस्त न्यायालयों के न्यायाधीश भी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर पर जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष, सचिव, लीगल एड डिफेंस काउंसेल, विद्युत विभाग, बैंक, नगर पालिका, न्यायालय के कर्मचारी आदि भी उपस्थित रहे। नेशनल लोक लोक अदालत का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजगढ़ के सचिव श्री देव दत्त के समन्वय से किया गया। कार्यक्रम का संचालन जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री मुकेश कौशल द्वारा किया गया।
शुभारंभ कार्यक्रम माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा ऑनलाईन माध्यम से लोक अदालत के सफल आयोजन के संबंध प्रसारित उद्बोधन के माध्यम से किया गया, तत्पश्चात् जिला मुख्यालय राजगढ़ स्तर पर माननीय अध्यक्ष महोदय तथा मुख्य अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पमाला अर्पित व पूजन वंदन कर किया गया।
नेशनल लोक अदालत का आयोजन जिला न्यायालय, राजगढ़ तथा तहसील न्यायालय- ब्यावरा, नरसिंहगढ़, सारंगपुर, खिलचीपुर एवं जीरापुर में एक साथ किया गया। नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु कुल 31 खंडपीठ गठित की गईं है, जिनके माध्यम से न्यायालयों में लंबित कुल 1166 मामले सुलह-समझौते एवं राजीनामा के माध्यम से लोक अदालत में निराकरण हेतु रखे गये हैं। इसी प्रकार न्यायालय में प्रस्तुत होने के पूर्व की प्रकृति के 4097 मामले रखे गये। प्रत्येक खंडपीठों में आवश्यकतानुसार राजीनामा की कार्यवाही हेतु एक-एक सुलहकर्ता सदस्यों को भी नियुक्त किया गया है।
विशेष
कुटुंब न्यायालय के समक्ष एक ऐसा जोड़ा आया जिनका विवाह लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व हुआ था, विवाह के पश्चात् से ही पति-पत्नी में आपसी मनमुटाव बढ़ने लगे एवं अत्यधिक मतभेद पैदा हो गये, स्थिति ये बन गई कि, मामला पुलिस थाने, परिवार परामर्श केन्द्र से कुटंब न्यायालय तक आ पहुंचा, विवाहित जोड़े का एक 05 माह का बच्चा भी था, पत्नी अपने मायके रह रही थी और पति अपने घर रह रहा था। उक्त मामले पर पीठासीन अधिकारी द्वारा प्रकाश डालने पर पति-पत्नी दोनों को बुलाकर न्यायिक कार्यवाही से बचने का उपाय बताया, तालमेल बनाकर जीवन गुजारने की सलाह दी गई, जिस पर दोनों लोग एकमत होकर सहमत हो गये तथा एक दूसरे के साथ जीवन व्यतीत करने की सहमति बनी। मामला दिनांक 10.05.2025 को जिला न्यायालय, राजगढ़ में आयोजित नेशनल लोक अदालत में रखा जाकर निराकृत किया गया, पीठासीन अधिकारी श्री संजय कुमार पाण्डेय एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री देव दत्त तथा पक्षों के अधिवक्ता व परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में दोनों ने एक-दूसरे को फूल माला पहनाई। सभी उपस्थितजनों ने उन्हें उनके उज्जवल भविष्य शुभकामनाएं व बधाईं दीं।
इसी प्रकार कुटुंब न्यायालय में लंबित अन्य वैवाहिक मामले 2 वर्ष पूर्व शादी के बंधन में बंधे जोड़े के मध्य सुलह-समझौता कराया गया, जिसमें कि पूर्व में उनके मध्य दहेज की मांग को लेकर भी प्रकरण प्रचलित हुआ था, उक्त मामला समाप्ति उपरांत भी एक प्रकरण कुटुंब न्यायालय में लंबित था जिसमें कि, पीठासीन अधिकारी के अथक प्रयास किये जाने पर मामला समाप्त कराया गया।
मुख्य न्यायिक मजि. राजगढ़ के न्यायालय में परिवार के 02 भाईयों के मध्य पारिवारिक विवाद में खंडपीठ के पीठासीन अधिकारी श्रीमती नीलिमा देव दत्त द्वारा विशेष प्रयास किये जाने पर दोनों भाइयों के पारिवारिक विवाद में सुलह समझौता कराकर आपस में गले मिलवाया गया।