राजेश दुबे           संडावता।  तीन माह । पूर्व। अतिथि शिक्षको की महापंचायत  मे तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज ने अतिथि शिक्षको के 18 साल के त्याग को देखते हुए  उनके हित मे अनेक  वादे किये थे। अतिथि शिक्षको को भरोसा हो  गया था की वर्षो से अपनी आजीविका चलाने के लिये  किये गए त्याग का परिणाम उनकी स्थाई  नोकरी के रूप मे मिलेगा।                          अतिथि शिक्षको के  नेता मिथुन नागर ने साथियो के साथ क्लेक्ट्रेट कार्यालय पंहुचकर मुख्यामंत्री के नाम  ज्ञापन देते हुए उन्हे स्थाई करने की मांग की।   ज्ञापन मे    एक साल का कार्यकाल हर माह मानदेय  देने पात्रता परीक्षा लेकर  स्थाई करने   अतिथि शिक्षक को सेवा से नही हटाने  मुख्य  परीक्षाए 20 अंक बोनस के देते हुए  आधे पदो पर अतिथि शिक्षको नि नियुक्ति करने सहित अन्य मांगे की गयी है।