शो फीस बनी नगर में लगाई गई स्टेट लाइट लाखों रुपए चढ़ गए भ्रष्टाचार की भेंट आज तक नहीं किया नगर के मुख्य मार्ग को रोशन गारंटी समाप्त होने को आई परंतु आज तक नहीं जली नगर की स्टेट लाइट कई बार शांति समिति की बैठक में जनप्रतिनिधियों ने उठाया मुद्दा

तलेन
मुकेश यादव
तलेन. नगर से निकलने वाले मुख्य हाईवे रोड के दोनों और ठेकेदार द्वारा लाखों रुपए की स्टेट लाइट लगाई गई ताकि नगर का मुख्य रोड रोशन हो सके परंतु नगर में लगाई गई स्टेट लाइट आज तक नगर में पूर्ण रूप से चालू नहीं हुई सुजालपुर रोड पर कुछ खंबो पर लाइट चलती है बाकी नगर में मुख्य बाजार में लगाए गए खंबा में लाइट सिर्फ शोपीस बनी हुई है स्ट्रेट लाइट नहीं जलने के कारण कई बार रोड पर दुर्घटना हो चुकी है अंधेरे के करण रोड पर बैठी गायों पर कई बार वाहन की चपेट में आने से मौत हो चुकी है स्टेट लाइट की गारंटी समाप्त होने वाली है परंतु आज तक नगर को रोशन नहीं किया खंभे पर स्टेट लाइट सिर्फ सो पीस बनकर रह गई लाखों रुपए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए नगर के जनप्रतिनिधियों द्वारा शांति समिति की बैठक में स्टेट लाइट बंद होने के मुद्दे उठाए गए परंतु अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया नगर की नेतागिरी को तो हर आम आदमी जानता है कि यहा नेता सिर्फ नाम के हैं दमदार पकड़ वाले नहीं होने के कारण नगर में कई समस्या पसरी हुई है जैसे स्टेट लाइट आज तक चालू नहीं हुई लाखों रुपए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए नगर में कॉलेज की मांग कई बार उठाई परंतु कॉलेज अभी तक स्वीकृत नहीं हुआ गोवंश दर-दर भटक रही नगर की आबादी व आसपास के दर्जनों गांव जुड़े होने के बाद भी अस्पताल मैं कोई व्यवस्था नहीं है नगर मैं व्यवस्थित गल्ला मंडी नहीं है उल्लेखनीय है कि नगर में मुख्यमंत्री पेयजल योजना के नाम से करोड रुपए का निर्माण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया नवनिर्माण पानी की टंकी आज तक चालू नहीं हुई नगर के बना बनाए रोड को खोद कर पटक दिए फिर निर्माण में लाखों रुपए भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए खास बात तो यहा है कि करोड़ों रुपए के पेयजल योजना में काम पूरा नहीं हुआ और ठेकेदार के करोड़ों रुपए निकाल दिए बताया जाता है कि ठेकेदार भाजपा का रसूखदार होने के कारण उसका कोई कुछ नहीं कर सकता नगर में ऐसा कोई दमदार नेता भी नहीं है जो की भ्रष्टाचार्यों पर अंकुश लगा सके सभी एक दूसरे की टांग खींचने में लगे रहते हैं नगर परिषद की मलाईदार कुर्सी पर बैठने के लिए सभी नेता उत्साहित है वह एक दूसरे की बुराई करते रहते हैं परंतु नगर में अनियमितताएं भ्रष्टाचार घोटाले पर निस्वार्थ आवाज कोई नहीं उठाता सब अपने स्वार्थ में लगे रहते हैं अगले अंक में फिर हम खोलेंगे भ्रष्टाचार की परत