त्रिवेदी ने योग की अनेक प्रकार की मुद्राये बताते हुए कहा की प्राचीनकाल से ही  हमारे पूर्वज प्रतिदिन योग को जीवन मे अपना कर निरोग रहते थे।  नियमित योग करने वाला व्यक्ति कभी बीमार नही पड़ता है जिसके कारण इलाज मे लगने वाले पैसे की बचत होती  है।स्वस्थ व्यक्ति ही जीवन मे चंहुमुखी विकास कर सकता है। 
आपने आँख, कान,  मेरुदंड,पेट को स्वस्थ रखने के लिये अनेक प्रकार की यौगिक क्रियाये छात्राओ को सिखाई।  मानसिक तनाव  से मुक्ति के लिये सिर के  माध्यम से करने वाले आसान तरीके बताये। मन को एकाग्र  रखे बिना किसी भी कार्य मे सफलता नही मिल सकती इसलिये एकाग्रता पर विशेष जोर देते हुए चित्त को एकाग्र करने के अनेक साधारण आसन बताये। 
त्रिवेदी ने  संबोधन मे कहा की शाशन ने मुझे आप लोगो का योग के माध्यम से जीवन बनाने के लिये मुझे आपके बीच भेजा है। शाशन की सोच है की हमारा देश योग करके निरोग जीवन   जिये। योग को करने से शरीर के प्रत्येक अंग  का लाभ होकर निरोग जीवन जिया  जा सकता है। 
महर्षि पतंजलि योग समिति के जिलाध्यक्ष  फूल सिंह एवं योग समिति के जिलाध्यक्ष कमलेश शर्मा ने शिर्षासन, वक्र आसन, सहित अनेक आसन करवाकर उनके महत्व पर प्रकाश डाला। छात्राओ ने भी प्रतिदिन जल्दी उठकर योग कर माध्यम से तंदुरुसत रहने के लिये प्रतिदिन  योग को जीवन मे अपनाने  के  लिये प्रेरित हुई। 
इस अवसर पर विधालय के पूर्व  प्राचार्य रामबाबू त्रिपाठी,  प्राचार्य संजय शर्मा, सहित विधालय स्टाप ने भी योग करअनेक क्रियाये सीखी।