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जीरापुर (सं.):- नगर सहित आसपास ग्रामीण क्षेत्र के धार्मिक स्थलों मंदिर एवं शिवालयों पर वैसे तो बारहमास धार्मिक आयोजन श्रद्धालु भक्तों द्वारा निरंतर जारी रहता है लेकिन श्रावण मास में रामायण पारायण सहित शिवालयों में भोले नाथ का विशेष श्रंगार मंदिरों में आकर्षक विद्युत साज सज्जा के साथ ही भक्तों के द्वारा पुजा अर्चना भक्ति मय आराधना में लीन हो जाते हैं।
      नगर के किशनगढ़ मौहल्ला स्थित गरूड़ासीन भगवान श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर के सम्मुख विराजित किशनगढ़ बालाजी महाराज का मंदिर पर विगत इक्कावन वषों से सावन मास में रामायण-पारायण का पाठ रात्रि आठ बजे से निरंतर होता आ रहा है।
         सन् 1974 से मंदिर संयोजक पं.श्यामसुन्दर शर्मा के सानिध्य में संचालित श्री बजरंग नवयुवक समिति हनुमान मंदिर किशनगढ़ के सदस्यों द्वारा सावन माह में रामायण पारायण का यह आयोजन चल रहा जिसमें समिति के नियमों अनुसार हर सदस्य एवं आगन्तुक अतिथि अनुशासन बदृ रामायण के दोहे चौपाई का उच्चारण करते हुए पाठ करते हैं।जहां पर एक विशेषता यह है कि प्रतिदिन के रामायण पाठ के अलावा प्रतिदिन के वार अनुसार अलग-अलग देवी- देवताओं की चालीसा पाठ एवं आरती की जाती है जिसके पीछे मुख्य उद्देश्य यह है कि उस दिन जिन आराध्य देव (भगवान) की आराधना का दिन होता है उनकी भी भक्ति आराधना हो जाती है।
     यहां पर प्रतिदिन अलग-अलग सदस्यों द्वारा प्रसाद की व्यवस्था रहती है जो बालाजी को भोग लगाकर आरती उपरांत प्रसाद वितरित की जाती है।
       सावन मास अन्तर्गत रामायण पाठ के चौबीसवें दिन भव्य सुन्दरकाण्ड पाठ का आयोजन होता है जिसको लेकर पुरे मंदिर परिसर को सजाया जाता है तथा बालाजी का मनोहारी श्रंगार किया जाता है जहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त महिला पुरुष बच्चे शामिल होते हैं इस दौरान विभिन्न तरह कि प्रसाद का वितरण किया जाता है।
    इस समस्त व्यवस्था की तैयारियां समिति सदस्यों के द्वारा की जाती है जिसमें हर सदस्य अपनी व्यवहार कुशलता का परिचय देते हुए प्रत्येक कार्य को मंगल रूप देते हुए करता है।
*विभिन्न धार्मिक स्थलों पर भी होते भव्य आयोजन*
    नगर के त्र्यंबकेश्वर महादेव मंदिर शिव चौक , गौपचौहान जी महाराज स्थित बाग वाले बालाजी, शिवशंकर ताल मंदिर छापी बांध, हठीले हनुमान मंदिर पर रामायण पारायण का पाठ एवं अन्य आयोजन होते है