बोड़ा:- नल जल योजना के अन्तर्गत बोड़ा में चल रहा रियान वाटर टेक अर्बन कम्पनी द्वारा जो नगर में पाइप लाइन बिछाकर हर घर शुद्ध पेय जल वितरण को लेकर बोड़ा शहर की पानी की टंकी के पास मुख्य लाइन में लीकेज होने के कारण सोमवार से शहर भर में पानी की सप्लाई बंद रही, जिसके कारण लोग पानी के लिए परेशान होते रहे।
दरअसल पानी की टंकी के पास कई दिनों से शहर भर में पानी की सप्लाई होने वाली मुख्य लाइन में लीकेज था, जहां से रोजाना हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा था। इसके बाद नगर परिषद ने बारिश में होने वाली पानी की परेशानी हो देखते हुए सोमवार को पानी सप्लाई बंद करके लीकेज सुधारने का काम किया जा रहा जो अभी तक पुरा नही हुआ। इस वजह से सोमवार को सुबह से पानी की सप्लाई बंद हे जो की शुक्रवार तक बंध रह सकती है। रियान वाटर टेक अर्बन कम्पनी के कर्मचारियो ने नगर परिषद बोड़ा जल शाखा प्रभारी श्याम यादव की देखदेख में सुबह मंगलवार से काम शुरू किया। लीकेज नरसिंहगढ़ रोड़ पानी की टंकी के पास था जहां पर जेसीबी से खुदाई करके पाइप को निकाला गया। इसके बाद कर्मचारियों ने पाइप को अलग करके फिर से ज्वाइंट लगाकर लीकेज को बंद किया जा रहा है। लीकेज के कारण शहर की पानी की टंकियां भी नहीं भरी जा सकी। इस वजह से सोमवार सुबह से नगर के वार्ड क्रमांक 15, राठौर कालोनी, पटेल कालोनी, इंद्रा कालोनी, सहित कई वार्ड और मोहल्ले में पानी सप्लाई नहीं की जा सकी जो अब शुक्रवार शाम या शनिवार सुबह पानी की सप्लाई की जाएगी।
 योजना पर एक नजर

नगर परिषद ने 14.19 करोड़ 93990 रुपए की लागत से जल आवर्धन योजना 2020 में शुरू की थी। लेकिन अब तक इसका फायदा लोगों को नहीं मिला है। इसके पहले वर्ष 2010 के नगर परिषद चुनाव में भी पानी की कमी का बड़ा मुद्दा था। इसके बाद 4 अगस्त 2017 को मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी से पानी की सप्लाई के लिए काम शुरू करवाया था। इसमें कोटरी कलां के कुंवर चैन सागर बांध से नगर के सभी 15 वार्डों में पानी की सप्लाई होनी थी। इसके लिए बकानी रोड पर फिल्टर प्लांट बनाया। योजना में 850 दिनों में लोगों को पानी की सुविधा उपलब्ध करवानी थी। लेकिन अब तक ना तो पानी की सप्लाई शुरू हुई है। ना ही पाइपलाइन बिछाने के लिए खोदी गई सड़कों की मरम्मत की गई है। कस्बे में अभी नलों के लिए आधे अधूरे कनेक्शन हुए हैं। नगर में कई जगह वाल्व भी नही लगाए। जिससे रोजाना हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। स्कूली बच्चे बाजार में पैदल चलकर निकलते हैं तो उनके कपड़े खराब होते हैं। कई जगह वाल्व लगा दिया तो उसे पेक नहीं किया। न ही आसपास बार्डर बनाई। जिससे राहगीर गिर रहे हैं।