जब-जब असुरों के अत्याचार बड़े तब भगवान ने पृथ्वी पर अवतार लिया नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल से पूरा नगर गूंज उठा बलवंतसिंह वनिया
माचलपुर नगर में दिन भर रही हलचल स्कूलो के बच्चों ने भी केक कटकर कृष्ण का जन्मदिन मनाया गया पूरे नगर के मंदिरों और घरों में भक्त कृष्ण जन्म से पहले ही भजन-कीर्तन करना शुरू कर देते हैं! इस दिन महिला पुरुष व्रत रख कर घर और मंदिर में लोग भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति को झूले में बिठाते हैं और उनका नए वस्त्र, आभूषण और फूलों से श्रृंगार, फल फूल, पकवानों लड्डू आदि चढ़ते हैं इस खास मौके पर अपने अपने मित्रों, रिश्तेदारों को भी शुभकामनाएं देते है 'नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की' आज कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर हर तरह का माहौल कृष्ण भक्तिमय से रमा हुआ है जब जब असुरों के अत्याचार बढ़े हैं, तब तब भगवान ने पृथ्वी पर अवतार लेकर भक्तों की रक्षा कर सत्य और धर्म की स्थापना की है। भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की मध्यरात्रि को कंस का विनाश करने के लिए मथुरा में भगवान कृष्ण ने अवतार लिया था। इसलिए इस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी या जन्माष्टमी का पर्व मनाते हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर नगर के मंदिरों पर देर रात महिला पुरुष भजन कीर्तन करते रहते है ! जिससे पुण्य लाभ होता है ऐसा माना जाता है। चूंकि स्वयं सृष्टि के पालनहार यशोदा मां के घर जन्म लेते हैं इसलिए जन्माष्टमी की पूजा परंपरा अनुसार आज के दिन के रूप में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है