जल गंगा संवर्धन अभियान 2025:

जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत एकल नलजल योजनाओं वाले विभिन्न ग्रामों में पेयजल स्रोत सूखने के कारण बंद नलजल योजना वाले ग्राम में भूजल सर्वेक्षण कार्योपरांत रिचार्ज सॉफ्ट संरचना बनाकर गहरी जल शिराओं को रिचार्ज करने के लिए ग्राम पंचायत को वर्षा जल भूगर्भ में रिचार्ज कैसे हो इसकी तकनीकी जानकारी डॉ राम गोपाल नागर भूजल वैज्ञानिक द्वारा गांव गांव जाकर दी जा रही है और पेयजल योजना के सोर्स को सस्टेनेबल बनाने हेतु उपयुक्त रिचार्ज संरचना कहा ओर कौन सी संरचनाएं उपयुक्त हैं उसकी तकनीकी इक्यूपमेंट का उपयोग करते हुए वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाकर रिचार्ज करने की सलाह दी जा रही है कि जहां से जल निकाला जा रहा है उसी गहराई पर वर्षा जल को भूगर्भ में रिचार्ज कराने से ही सोर्स सस्टेनेबल होगा। यदि हमारा सोर्स रिचार्ज होगा तो नलजल योजना वर्ष भर चलेगी अन्यथा हर वर्ष ग्रीष्म ऋतु में पेयजल संकट का सामना करना पड़ेगा। नरसिंहगढ़ विकास खंड के विभिन्न पेयजल संकट ग्रस्थ ग्रामों जैसे जामुनिया जुहार, जामुनिया गणेश, माना, मंडावर, झाड़ला, लसूल्डया हाजी, मोतीपुरा, सिंका, बोरखेड़ा, पिपल्या रसोड़ा, सोनकच्छ, पड़लियाखेड़ी, झड़किया, बैरसिया, नंदगांव, लुलाखाल, उमरी... एवं ब्यावरा ब्लॉक के मलावर, लखनवाश, भवाश, शीलखेड़ा, आगर, नालियाहेड़ी, लोदीपुरा, मोनीपूरा... उपरोक्त ग्रामों में जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत रिचार्ज सॉफ्ट संरचना बनाने का प्रयास पंचायतों से किया जा रहा है।