आत्मबोध से विश्वबोध” विषयक संभागीय प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न अखिल भारतीय साहित्य परिषद भोपाल इकाई के तत्वावधान में हुआ आयोजन

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भोपाल, 20 जुलाई 2025,
अखिल भारतीय साहित्य परिषद, भोपाल इकाई के तत्त्वावधान में “आत्मबोध से विश्वबोध” विषय पर एक दिवसीय संभागीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन भोपाल स्थित विश्व संवाद केंद्र में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक विषयों पर विचार प्रस्तुत करते हुए वक्ताओं ने भारतीय ज्ञान परंपरा की समसामयिक प्रासंगिकता को रेखांकित किया।
युवा विमर्श पर वक्तव्य
शिवपुरी से पधारे अखिल भारतीय साहित्य परिषद, मध्य भारत प्रांत के महामंत्री श्री आशुतोष शर्मा जी ने ‘युवा विमर्श’ पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा:
“युवा अध्ययन करेंगे तो बहुत-सी भ्रांतियाँ स्वतः दूर हो जाएँगी। आज जो भ्रम का वातावरण निर्मित हो रहा है, उसका मूल कारण विषयों की अपर्याप्त समझ है। हमारे ग्रंथ, महाभारत, रामायण और सत्यार्थ प्रकाश—हमारी विराट संस्कृति के दिग्दर्शन हैं। यदि इनका अध्ययन लगातार होता रहता, तो विघटनकारी शक्तियाँ कभी बल नहीं पातीं।”
नारी विमर्श पर दृष्टिकोण
मध्य भारत प्रांत की उपाध्यक्ष श्रीमती ममता बाजपेई जी ने नारी विमर्श पर अपने विचार रखते हुए कहा:
“स्त्री विमर्श का तात्पर्य स्त्री को पुरुष का प्रतिद्वंदी बनाना नहीं है, बल्कि समाज के संतुलित और स्वस्थ विकास के लिए स्त्री को शक्ति-संपन्न बनाना है।”
कल्चरल मार्क्सवाद और आत्मबोध पर वक्तव्य
कार्यक्रम की प्रमुख वक्ता, उर्दू अकादमी की निदेशक एवं परिषद भोपाल इकाई की अध्यक्ष डॉ. नुसरत मेहदी ने “कल्चरल मार्क्सवाद” पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा:
“‘आत्मबोध से विश्वबोध’ केवल एक दार्शनिक अवधारणा नहीं, बल्कि भारत के सामाजिक-सांस्कृतिक पुनर्निर्माण का सूत्र है। अनुसूचित जाति, जनजाति और कल्चरल मार्क्सवाद जैसे विषयों पर विमर्श करते हुए उन्होंने कहा कि समरसता, सांस्कृतिक आत्मसम्मान और वैचारिक स्वराज्य ही हमारी राष्ट्रीय चेतना के आधार स्तंभ हैं। यह विमर्श, भारत को समझने और गढ़ने की एक सामूहिक राष्ट्र-साधना है।”
कार्यक्रम संचालन और प्रस्तुतीकरण
कार्यक्रम का संचालन करते हुए परिषद भोपाल इकाई की महामंत्री और मध्य भारत प्रांत की मंत्री श्रीमती सुनीता यादव ने प्रांतीय अधिवेशन की रिपोर्ट का वाचन किया तथा आगामी संभागीय कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत की। परिषद भोपाल इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष श्री धर्मेन्द्र सिंह सोलंकी भी प्रशिक्षण में उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय सहभागिता
कार्यक्रम में भोपाल और नर्मदापुरम संभाग के सभी जिलों से परिषद कार्यकर्त्ताओं की सहभागिता रही। इनमें प्रमुख रूप से संयोजक राकेश सक्सेना, प्रांत उपाध्यक्ष दिनेश याज्ञनिक, सह संयोजक बाबू देवाल ‘घायल’, प्रांतमंत्री सुनील पांसे, हरिसिंह परिहार, डॉ. विजेंद्र जायसवाल, लक्ष्मणसिंह चौकसे, सुशील व्यास, सौरभ सूर्य, उर्मिला मरेहा, प्रीर्ति प्रदीप वर्मा, अमित बिल्लौरे, अनुज भार्गव, मारूति शिशिर, रमा शिशिर, नारायण साहू आदि शामिल रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत श्रद्धा यादव द्वारा सरस्वती वंदना से हुई। परिषद गीत की प्रस्तुति बाबू देवाल द्वारा दी गई।
अंत में, संभाग संयोजक राकेश सक्सेना जी ने सभी अतिथियों एवं सहभागियों का आभार व्यक्त किया।
प्रेषक
अखिल भारतीय साहित्य परिषद भोपाल इकाई