उपभोक्ता अदालत का अभूतपूर्व फैसला। वाहन बीमा धारकों से धोखा बर्दाश्त नहीं।*

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राजगढ़ जिला उपभोक्ता आयोग राजगढ़ में पदस्थ अध्यक्ष सुरेश कुमार चौबे, सदस्य श्रीमती सीमा सक्सेना ,सदस्य सुरेन्द्र कुमार सक्सेना की अदालत ने इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी के विरुद्ध एक अहम निर्णय पारित किया है।
मामले की जानकारी देते हुए प्रकरण में उपभोक्ता की और से पैरवी कर रहे अभिभाषक जे.पी.शर्मा ने बताया कि दिनाँक 06.12.2021 को आवेदक उपभोक्ता कुलेन्द्र सिंह राठौर की कार स्विफ्ट डिजायर क्रमांक एमपी 07 सीडी 5619 ब्यावरा के पास दुर्घटना ग्रस्त हो गयी थी जो दुर्घटना दिनाँक को इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी के यहाँ बीमित थी। उपभोक्ता ने घटना की सूचना तत्काल थाना देहात ब्यावरा में और इफको टोकियो बीमा कंपनी के कार्यालय को दी।
बीमा कंपनी ने वाहन में हुए नुकसान के आंकलन के लिए अपना सर्वेयर विकास लववंशी को नियुक्त किया जिसने आवेदक के दुर्घटना ग्रस्त वाहन में एक लाख अस्सी हजार रुपए का नुकसान होना पाया तथा बीमा कंपनी को अपनी सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत की। बीमा कंपनी द्वारा जब यह देखा गया कि सर्वेयर विकास लववंशी द्वारा दी गयी रिपोर्ट के आधार पर क्षतिग्रस्त वाहन को टोटल लास में दिखाया नहीं जा सकता तो बीमा कंपनी द्वारा कुलेन्द्र सिंह के साथ धोखाधड़ी करते हुए सुनियोजित रूप से दूसरे ही दिन अपना सर्वेयर बदलते हुए नया सर्वेयर असीम अली को नियुक्त किया। नए सर्वेयर द्वारा बीमा कंपनी को लाभ पंहुचाने के उद्देश्य से अपनी नई सर्वे रिपोर्ट तैयार की और आवेदक के वाहन में हुए नुकसान का स्टीमेट 2,79,299 रुपये तैयार किया जिसमें वाहन की आई.डी.व्ही.75% से अधिक बतायी जा सके और वाहन को टोटल लॉस में डाला जा सके।
उपभोक्ता कुलेन्द्र सिंह बीमा कंपनी द्वारा उसके साथ हुए छल को समझ गया और उसने जागरूकता दिखाते हुए अपने स्वयं के व्यय पर तटस्थ सर्वेयर एवं लॉस असेसर महेंद्र जायसवाल को नियुक्त किया जिसने आवेदक के वाहन में वास्तविक नुकसान 1,70,096 रुपये का होना पाया और स्टीमेट तैयार किया जबकि बीमा कंपनी आवेदक के वाहन को टोटल लास में डालकर उसे मात्र 64,564 रुपये का भुगतान ही करना चाहती थी जिसे आवेदक ने लेने से इंकार कर दिया था।
परेशान आवेदक उपभोक्ता कुलेन्द्र सिंह राठौर नें बीमा कंपनी के विरुद्ध सेवा में कमी के आधार पर दावा उपभोक्ता अदालत राजगढ़ के समक्ष दिनाँक 17.02.2022 को अपने अधिवक्ता जे.पी.शर्मा के माध्यम से प्रस्तुत किया जिसमे अदालत द्वारा आवेदक के पक्ष में निर्णय पारित किया जाकर उपभोक्ता को उसके वाहन में हुए नुकसान की राशि 1,70,096 रुपये एकमुश्त अदा करने तथा उक्त राशि पर आवेदन प्रस्तुति दिनाँक से 7% ब्याज भी दिए जाने का निर्णय पारित किया गया है। आवेदक को हुई मानसिक क्षति के 20,000 रुपये प्रथक से तथा 5,000 रुपये मुकदमा खर्च भी बीमा कंपनी से आवेदक को मय ब्याज के दो माह की अवधि में भुगतान करने का आदेश दिया गया है।
*यह निर्णय इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे उपभोक्ताओं में जागरूकता बढ़ेगी तथा वाहन बीमा करने वाली कंपनियां सीधे सादे और कम जागरूक उपभोक्ताओं के साथ इस प्रकार का धोखा करने में हिचकिचाएगी।*