*

 पूर्णिमाप्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के राजगढ़ के शिव वरदान भवन में बड़े उमंग उत्साह के साथ  गुरु पूर्णिमा मनाई गई। इस अवसर पर बीके ब्रह्माकुमारी मधु दीदी ने सभी को शुभकामना देते हुए कहां की गुरु ही एक पूर्ण मां जो हमें सच्चा ज्ञान देकर जीवन जीने की एक सही राह दिखाती है एवं प्रकाश की ओर ले जाती है। इसी तरह स्वयं परमपिता परमात्मा परम सद्गुरु जो वर्तमान समय हर मानव मात्र को गति सद्गति देने की शिक्षा दे रहे हैं। वहीं दीपिका दीदी ने गुरु पूर्णिमा का आध्यात्मिक रहस्य को समझाते हुए कहा कि आज अपने गुरुओं के प्रति आदर भाव एवं श्रद्धा भाव प्रकट करने का यह दिन है। उन्होंने कहा कि जीवन की इस यात्रा में मनुष्य की जीवन यात्रा माता, पिता, भाई, बहन और दोस्तों के साथ चलते-चलते जीवन की अंतिम यात्रा सुखमय होने के लिए गुरु की अत्यंत आवश्यकता होती है, क्योंकि गुरु को मुक्ति एवं सद्गति देने वाला कहा जाता है। गुरु के बिना सद्गति नहीं, किंतु कौन-से गुरु से सद्गति की प्राप्ति होती है तो गुरु की पहचान देने वाले गुरु के प्रति अपनी भावनाओं को प्रकट करने वाला एक बहुत सुंदर श्लोक है पिता हमस्य जगतो ,माता धाता पितामहा: ,वैद्यम पवित्रम ओमकार ऋगसाम यजुरेव च। जिसके शब्द हैं नाथ:अर्थात् जो समर्थ सद्गुरु है, वह सर्वशक्तिमान है वह ओमकार स्वरूप है, जो अनाथों के नाथ है और जो ज्ञान का सागर है। ऐसे सद्गुरु परमात्मा शिव को इस पावन बेला पर कोटि-कोटि नमन है। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज की जिला प्रभारी बीके मधु दीदी ,रिटायर्ड कॉलेज प्रोफेसर एमएल गुप्ता , रिटायर्ड हेड मास्टर एन एल जाटव रिटायर्ड शिक्षक  सत्यनारायण शर्मा समाजसेवी प्रताप सिंह सिसोदिया ने दीप प्रज्वलंकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया l तीनों ही रिटायर्ड शिक्षकों को ब्रह्माकुमारी मधु दीदी द्वारा सोल और ईश्वरीय सौगात देकर के सम्मानित किया l
इस अवसर पर प्रोफेसर एमएल गुप्ता ने जीवन को लक्ष्य देखकर आगे बढ़ाने की बात कही तो वही सत्यनारायण शर्मा जी ने माता को प्रथम गुरु बताते हुए उनकी महिमा व त्याग की सराहना कि अंत में  सभी भाई बहनों ने परमात्मा सद्गुरु शिव बाबा पर पुष्प अर्पित कर वरदान प्राप्त की एवं सभी को ब्रह्मा भोजन स्वीकार कराया गया।