संडावता नगर में महिलाओं द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ मंगलवार को कलश यात्रा के साथ हुआ। उत्साहित महिलाओं द्वारा प्रात: 11 बजे श्रीनृसिंह मंदिर परिसर से गाजेबाजे के साथ कलश यात्रा प्रारंभ की गयी जो नगर के विभिन्न मार्गो से होकर कथा स्थल पहुंची। यात्रा समापन के बाद नगर के पंडित मनोज नागर ने व्यास गादी पर विराजित होकर श्रीभागवद् कथा का मंत्रोच्चार के साथ शुभारंभ किया। प्रथम दिन ही मंदिर परिसर में सतसंग सुनने बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्तिथ रहे। उल्लेखनीय है कि उक्त आयोजन की कर्ताधर्ता पूर्ण रूप से ग्राम की महिलाएं ही है। धनसंग्रह से लेकर व्यवस्थाओं की कमान महिलाओं द्वारा ही संचालित की जा रही है। 
                जीवन है तो अवसर है मरने के बाद सिर्फ औसर है
श्रीमद् भागवद् कथा महोत्सव के दौरान धर्म की गंगा बह रही है। प्रथम ििदन पंडित मनोज नागर ने कहा कि धर्मग्रंथ, गीताजी, रामायण आदि पुराण सिर्फ पढऩे नही अपितु समझने का विषय है। पूराण कभी पुराने नही होते है बल्कि जीतनी बार पढ़ो हर बार नया ही सीखने को मिलता है। उन्होनें कहा कि समय का कोई भरोसा नही है कब पल्टी मार जाये, कब क्या हो जाये इसलिये जब तक  हमारा जीवन है तब तक हमारे पास भजन, प्रभु स्मरण, अच्छे कर्म करने का अवसर है यदि समय हाथ से निकल गया तो फिर मरने के बाद औसर होना तय है। दोपहर में आसमान पर बादलों की छाया एवं सर्दी के बावजूद बड़ी संख्या में महिलाएं श्रद्धा से कथामृत रसपान करने उपस्तिथ हो रही है।