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बोड़ा: शासकीय अस्पताल रोड स्थित ला. मां शीतला माता लीकर ग्रुप कंपोजिट देशी व अंग्रेजी शराब दुकान को शनिवार शाम नायब तहसीलदार सुनीता सिंह, थाना प्रभारी धर्मेंद्र कुमार शर्मा और राजस्व अमले की टीम ने जनप्रतिनिधियों और रहवासियों की मांग पर शाम 7 बजे सील कर दिया। हालांकि, नरसिंहगढ़ आबकारी अधिकारी पूजा की मौजूदगी में 8:30 बजे दुकान को फिर से खोल दिया गया।
*शांति समिति बैठक में उठा मुद्दा*

शनिवार शाम थाना परिसर में शांति समिति की बैठक आयोजित हुई, जिसमें नायब तहसीलदार सुनीता सिंह, थाना प्रभारी धर्मेंद्र कुमार शर्मा, पूर्व विधायक धूल सिंह यादव, भाजपा मंडल अध्यक्ष सरजन सिंह राजपूत सहित कई जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। बैठक में रहवासियों और जनप्रतिनिधियों ने कस्बे के मध्य, मंदिर और अस्पताल के पास स्थित शराब दुकान को हटाने की मांग की।

*रहवासियों ने जताई आपत्ति*

मोहल्ले के नागरिकों मुकेश यादव, रुक्मिणी बाई, लखन राठौर, बालू राठौर, घनश्याम राठौर, आशा बाई आदि ने अधिकारियों को बताया कि शराब दुकान के कारण क्षेत्र में असामाजिक गतिविधियां बढ़ रही हैं और यह स्थान महिलाओं और छात्रों के लिए असुरक्षित हो गया है।

*शराब दुकान के पास भीड़ बनी रहती है, जिससे यातायात बाधित होता है।*

*आए दिन शराब के नशे में लोग हंगामा करते हैं, जिससे रहवासियों को परेशानी होती है।*

*महिलाओं और बच्चों को घर से बाहर निकलने में असुरक्षा महसूस होती है।*

*लोगों ने मांग की कि शराब दुकान को अन्य स्थान पर शिफ्ट किया जाए ताकि आमजन को राहत मिले।*


*प्रशासन ने दुकान सील कर फिर खोली*

शिकायतों के बाद नायब तहसीलदार सुनीता सिंह और थाना प्रभारी धर्मेंद्र कुमार शर्मा शाम 7 बजे मौके पर पहुंचे और दुकान को सील कर दिया।

हालांकि, बाद में नरसिंहगढ़ आबकारी अधिकारी पूजा, नायब तहसीलदार सुनीता सिंह, राजस्व अधिकारी हजारी लाल वर्मा और थाना प्रभारी धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने रहवासियों और जनप्रतिनिधियों को समझाइश दी। इसके बाद 8:30 बजे दुकान को दोबारा खोल दिया गया और शराब बिक्री शुरू कर दी गई।

*जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी*

इस दौरान भाजपा मंडल अध्यक्ष सरजन सिंह राजपूत, पूर्व मंडल अध्यक्ष राधेश्याम राजपूत, नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि करण जायसवाल, उपाध्यक्ष सतीश पाटीदार, पार्षद राजु भिलाला, भूपेंद्र राठौड़, संजय राठौर, माखन जाटव सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

*अधिकारियों की प्रतिक्रिया*

आबकारी अधिकारी, सब इंस्पेक्टर पूजा ने बताया कि "कस्बे में शराब दुकान नियमानुसार स्थापित है और इसे बिना कलेक्टर के आदेश के बंद नहीं किया जा सकता। ठेका 31 मार्च 2025 तक वैध है, जिसके बाद यदि लाइसेंसी और रहवासी चाहेंगे तो इसे अनापत्ति रहित क्षेत्र में स्थानांतरित किया जा सकता है।"

*स्थिति पर भविष्य का निर्णय*

अब 1 अप्रैल के बाद रहवासी और लाइसेंसी यदि सहमत होते हैं, तो दुकान को नए स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा। तब तक यह दुकान अपनी पूर्व निर्धारित जगह पर चालू रहेगी।

*निष्कर्ष*

बोड़ा में शराब दुकान को लेकर रहवासियों में असंतोष बना हुआ है। प्रशासन ने पहले दुकान को सील कर दिया, लेकिन बाद में नियमों का हवाला देते हुए फिर से खोल दिया। अब देखना होगा कि 1 अप्रैल के बाद प्रशासन और रहवासी मिलकर इस विवाद का स्थायी समाधान निकालते हैं या नहीं।