स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा में कलेक्टर को मिली खामियां ब्यावरा में सरकारी अस्पताल से निजी सोनोग्राफी केन्द्र पर रिफरल के मामलों पर उठाए सवाल 108 एवं जननी एक्सप्रेस के संचालन की स्थिति नहीं पाई संतोषजनक जीपीएस डाटा एवं पिकअप एनालिसिस रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश संस्थागत प्रसव के मामलों में जिम्मेदारी से हो उपचार, सरकारी अस्पताल रेफरल सेंटर न बने स्वास्थ्य सुविधाओं में आमजन का विश्वास स्थापित हो – कलेक्टर

राजगढ़ 04 जून, 2025
कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में बुधवार को जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर ने जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को ज्यादा से ज्यादा जनोपयोगी बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं में आमजन का विश्वास स्थापित हो। प्रसव के मामलों में सरकारी अस्पताल रेफरल सेंटर न बनें। संस्थागत प्रसव एवं टीकाकरण स्वास्थ्य विभाग की सर्वोच्च प्रथमिकता हो। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. किरण वाडिवा एवं सिविल सर्जन डॉ. नितिन पटेल सहित स्वास्थ्य विभाग का अमला मौजूद था।
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि प्रसव के मामलों में चिकित्सा अधिकारी जिम्मेदारी से उपचार करें। मातृ अथवा शिशु मृत्यू के प्रकरण सामने न आएं। जिले के सभी डिलेवरी प्वाइंट क्रियाशील रहें। बैठक में ब्यावरा में सरकारी अस्पताल से प्राईवेट सोनोग्राफी सेंटर पर मामले रेफरल होने का मुद्दा उठने पर कलेक्टर ने वहां के चिकित्सा अधिकारी से इस मामले में सवाल किए। उन्होंने कहा कि जिले में संचालित सोनोग्राफी केन्द्रों पर निगरानी रखी जाए। कहीं भी नियम विरूद्ध सोनोग्राफी न हो। बैठक में जननी एक्सप्रेस एवं 108 एंबुलेंस सेवाओं के संचालन की स्थित की समीक्षा के दौरान संतोषजनक स्थित नहीं पाए जाने पर कलेक्टर ने इन गाडियों का जीपीएस डाटा एवं पिकअप एनालिसिस रिपोर्ट तलब की। कलेक्टर ने कहा कि कहीं भी जरूरत पड़ने पर मरीजों के पास इन वाहनों को पहुचने में देरी न हो। उन्होंने इन वाहनों के ड्राइवरों का पुलिस सत्यापन कराने के भी निर्देश दिए। विगत बैठकों में कलेक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों पर समुचित कार्यवाही न होने की स्थिति मिलने पर कलेक्टर ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग से संबंधित नस्तियां अब उनके स्टेनो द्वारा प्रस्तुत की जाएंगी। स्टेनो स्वास्थ्य विभाग से नस्तियां संकलित करेंगे। बैठक में कलेक्टर ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की समीक्षा करते हुए, इसके तहत किए जाने वाले कार्यों की विस्तृत कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि वर्षाकाल में जल जन्य बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग सजग रहे। मैदानी क्षेत्रों में आवश्यक दवाईयां उपलब्ध रहें। साथ ही मैदानी क्षेत्रों की स्थिति से अवगत रहने के लिए सूचना-तंत्र सक्रिय रहे। कलेक्टर ने टीवी नियंत्रण कार्यक्रम की इस दौरान समीक्षा की। उन्होंने पोषण पुनर्वास केन्द्रों का रेंडमली निरीक्षण करने का भी निर्देश दिए। बैठक में मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम की भी जानकारी दी गई।