कांग्रेस ने भाजपा नेताओं पर विभिन्न आरोप लगाए। हाल ही में पीएम मोदी की रूस यात्रा में रूस-यूक्रेन मामले पर बात न करने को लेकर सोनिया गांधी के लेख और प्रियंका गांधी के ट्वीट किया। इस पर भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने पलटवार करते हुए कहा कि हमारा विपक्ष शुभ अवसर में भी नकारात्मक चीजें ही खोजता है। वहीं भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कर्नाटक में एससी/एसटी निधि बजट को खर्च करने का आरोप लगाया। यह भी कहा कि कांग्रेस की हिंदू विरोधी मानसिकता चरम पर पहुंच गई है। बुधवार को भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस को खरीखोटी सुना दी। उन्होंने कहा कि हमारा विपक्ष ऐसा है कि वो किसी भी शुभ अवसर में नकारात्मक चीजें खोजते हैं। वो इस भव्य आयोजन के बारे में नकारात्मक बातें करते हैं। वो हमसे पूछ रहे हैं कि पीएम मोदी ने यूक्रेन के बारे में क्यों नहीं बोला। हम सरकार में हैं, पीएम मोदी को अंतरराष्ट्रीय विषयों पर बोलने का न केवल अधिकार है, बल्कि कर्तव्य भी है। लेकिन फिर भी मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि क्या रूस-यूक्रेन को लेकर कांग्रेस वर्किंग समिति सीडब्‍ल्‍यूसी की बैठक में कोई प्रस्ताव पारित हुआ? क्योंकि, आपकी सीडब्ल्यूसी में इजरायल-हमास युद्ध को लेकर फिलिस्तीन के पक्ष में प्रस्ताव पारित किया गया था। सोनिया गांधी ने एक लेख लिखा है और प्रियंका गांधी ने इस पर ट्वीट किया है। मैं पूछना चाहता हूं कि सीडब्ल्यूसी ने कितने अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर प्रस्ताव पारित किया है?" वहीं भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने दो मामलों पर कांग्रेस नेता और कर्नाटक सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार द्वारा रामनगर का नाम बदलकर बेंगलुरु साउथ किया जा रहा है। शहजाद पूनावाला बोले, "आज कांग्रेस की हिंदू घृणा और राम विरोधी मानसिकता चरम पर पहुंच गई है। राहुल गांधी ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन को हराया। रामनगर का नाम बदलेन पर भाजपा नेता ने पूछा कि अब डीके शिवकुमार को रामनगर का नाम भी पसंद नहीं है क्योंकि इसका नाम श्री राम के नाम पर रखा गया है। उन्होंने पूछा कि कांग्रेस कब तक हिंदुओं को गाली देती रहेगी?" इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय एससी/एसटी आयोग द्वारा कर्नाटक सरकार से एससी/एसटी निधि के दुरुपयोग पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि इसकी विस्तृत रिपोर्ट दी जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सबसे अधिक अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और आदिवासी विरोधी पार्टी है। वे कर्नाटक के बजट का 37% यानि 14000 करोड़ रुपये से अधिक धन उन गारंटियों को पूरा करने में लगाने की योजना बना रहे हैं। ये तो एक मूर्खतापूर्ण योजना है। उन्होंने कहा कि कर, पानी, डीजल, पेट्रोल और दूध की कीमतों में वृद्धि की गई है। यही नहीं हाल ही में उनके मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा क्योंकि उन्होंने वाल्मीकि आदिवासी विकास निगम की राशि में बहुत बड़ा घोटाला किया था। इस घोटाले में कांग्रेस नेताओं द्वारा करोड़ों रुपये हड़पे गए थे। कांग्रेस सबसे अधिक दलित विरोधी पार्टी है।