नई दिल्ली। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व सैनिक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल रोहित चौधरी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सेना के सम्मान में 25 मई से देश भर में जय हिंद सभा करने जा रही है। इस दौरान सैनिकों पूर्व सैनिक को सम्मानित किया जाएगा। इसके साथ ही एनडीए सरकार से कुछ सवालों के जवाब भी मांगे जाएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सभी विपक्षी दलों ने एकजुटता दिखाते हुए केंद्र सरकार का हर फैसले में समर्थन किया है। हमने सरकार से कहा था कि हम आपके साथ हैं। आतंकियों के आका जहां कहीं भी बैठे हों और चाहे वे कोई भी हों, उन्हें सबक सिखाइए। कांग्रेस वर्किंग कमिटी की तीन बैठके हुईं और तीनों में फैसला हुआ कि सरकार जो भी कार्रवाई करेगी। हम उसका समर्थन करेंगे और हमने वैसा ही किया।
सुरक्षा एजेंसियों के पास आतंकी हमले का इनपुट था
उन्होंने आगे कहा कि हमारे वीर सैनिकों ने आतंकियों के 9 ठिकानों को ही तबाह नहीं किया, बल्कि सरहद पार से हुए हर हमले का मुंहतोड़ जवाब भी दिया। जम्मू-काश्मीर से लेकर भुज तक हर हमले को नाकाम किया। लेकिन, इसी बीच थर्ड पार्टी के जरिए सीजफायर हुआ। इसीलिए विपक्ष होने के नाते हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम सरकार से इस मामले में सवाल पूछें कि ऐसा क्यों हुआ। पहलगाम आतंकी हमला सिक्योरिटी फेल्योर का नतीजा था। वह कैसे हुआ, जबकि उससे पहले 17 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर जाने वाले थे। लेकिन सुरक्षा एजेंसियों से मिले इनपुट के बाद उनका दौरान रद्द कर दिया गया था। अगर सुरक्षा एजेंसियों का आतंकी हमला होने जैसा कोई इनपुट था तो जमीनी स्तर तक इसे क्यों नहीं पहुंचाया गया?


डीजीएमओ सीजफायर पर फैसला नहीं करता
सीजफायर के मुद्दे पर कर्नल रोहित चौधरी ने सवाल किया कि सीजफायर पर सरकार ने कहा कि पाकिस्तान के डीजीएमओ से फोन आया था। जबकि सीजफायर का फैसला डीजीएमओ नहीं, बल्कि सरकार को करना होता है। इसलिए आप सेना का राजनीतिकरण न करें। देश को बताएं कि यह फैसला सरकार का था या अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप क दवाब था।