जबलपुर। अंतिम क्षणों में टिकिट घोषित करना कांगे्रेस की परम्परा रही है. जिसका खामियाजा कांग्रेस प्रत्याशियों को चुनावी तैयारियों में पिछड़ कर चुकाना पड़ता है. लेकिन इस बार कांग्रेस अपनी पुरानी गलतियों से सीख लेती नजर आ रही है. जहां एक तरफ चुनाव की तारीख घोषित होते ही जबलपुर में महापौर प्रत्याशी का चेहरा साफ हो गया. वहीं दूसरी तरफ पार्षद प्रत्याशियों की लिस्ट भी फायनल की जा रही है. पार्टी सूत्रों की मानें तो १३ जन तक कांग्रेस ७० प्रतिशत वार्डों में अपने प्रत्याशियों की आधिकारिक घोषणा कर देगी. वहीं जबलपुर नगर निगम के ७९ वार्डों में से करीब ३५ वार्डों में प्रत्याशियों के नाम फायनल कर लिये गये है. जिनकी घोषणा आगामी सप्ताह की जा सकती है. जानकारी के मुताबिक प्रदेश संगठन ने जल्द से जल्द चयनित नामों की सूची भेजने के निर्देश दिये हैं. बताया जा रहा है की प्रदेश संगठन की प्राथमिकता है की ऐसे वार्ड जहां विरोध नही है और नाम करीब करीब तय है, ऐसे वार्डों में कांगे्रेस प्रत्याशियों जल्द से जल्द की जाए. माना जा रहा है की ऐसे वार्डों का नम्बर आएगा, जहां २ या दो से कम मजबूत दावेदार हैं. इन वार्डों में १३ जून के पहले कांग्रेस अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर देगी. इसके बाद ऐसे वार्डों का नम्बर आएगा, जहां आपसी खींचतान अधिक है.
ऐसे वार्ड जो आरक्षण के पेâर में नहीं आए हैं, ऐसे वार्डों में प्रत्याशी चयन में काग्रेस सिटिंग पार्षदों को वरीयता देगी. वहीं ऐसे दावेदार जो पिछले नगर निगम चुनाव में जीतने वाले उम्मीदवार से बहुत कम मार्जिन से हारे थे, उनके नामों पर भी पहले विचार हो सकता है. हलांकी पार्षद पतियों को कांग्रेस की इस पालिसी का लाभ नहीं मिलेगा. उन्हें पार्टी नेताओं के समक्ष अपनी जमीनी पकड़ साबित करनी होगी.
शहर की चार विधानसभा सीटों में से ३ पर कांग्रेस के विधायक हैं. जिनके सामने अगले साल होना वाले विधानसभा चुनाव में अपनी टिकिट और सीट दोनों बचाने की चुनौती है. जिसके चलते विधायक इस बार पार्षद टिकिट वितरण में पूंâक पूंâक कर कदम रख रहे हैं. विधायकों की प्राथमिकता इस बार चहेतों को टिकिट देने और दिलाने की नहीं, जिताऊ उम्मीदवार को आगे बढ़ाने की है. क्योंकि सभी जानते हैं, नगर निगम चुनाव आगामी विधानसभा चुनाव की जमीन तैयार करेंगे. जिसकी वजह से विधायकों के लिये टिकिट का वितरण किसी चुनौती से कम नही है.