कानपुर । आईआईटी कानपुर के ऊर्जा विभाग के प्रोफेसर केएस नलवा के अनुसार,आईआईटी कानपुर में एक क्रांतिकारी अनुसंधान किया है। सोलर ऊर्जा उत्पादन में सिलिकॉन सेल के विकल्प के रूप में पैरोवस्काइट सेल तकनीकी विकसित की है। यह चीन के सोलर पैनल की लागत से 10 गुना कम है। इस अनुसंधान के बाद 10 गुना कम कीमत पर सोलर पैनल भारत मैं तैयार होंगे। 
पैरोवस्क्राइट का उपयोग एईडी में भी होता है। आईआईटी कानपुर के इस अनुसंधान के बाद सोलर पैनल में चीन का जो एकाधिकार बना हुआ है। वह समाप्त होगा। भारत सोलर पैनल का मुख्य उत्पादक देश बनेगा। इसकी कीमत भी चीन की तुलना में मात्र 10 फीसदी होगी। 
आईआईटी कानपुर ने,पेरोवस्काईट सेल की कर्मियों को दूर किया है। नमी के प्रवेश को रोक दिया है। तकनीकी के बदलाव के बाद गुणवत्ता में सिलिकॉन सेल की तरह मजबूत और टिकाऊ हो गए हैं। इन्हें 5 साल तक टिकाऊ रखने के लिए शोध किया जा रहा है। अभी तक के अनुसंधान में 2 साल तक यह पूरी तरह सुरक्षित रहे है, अब आईआईटी कानपुर इसकी अवधि को बढ़ाने के लिए काम कर रही है। आईआईटी कानपुर ने जो सेल तैयार किया है। उसकी ऊर्जा उत्पादन क्षमता सिलिकॉन सेल के बराबर 26 फ़ीसदी है।