खिताब का प्रबल दावेदार और तीन बार का विजेता भारत रविवार को एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी के मैच में मलयेशिया की कड़ी चुनौतियों का सामना करने उतरेगा। इस दौरान भारतीय टीम की कोशिश पेनल्टी काॅर्नर को भुनाने पर भी रहेगी। भारत को जापान के खिलाफ 15 पेनल्टी कॉर्नर मिले थे, लेकिन मेजबान टीम एक बार ही इसे गोल में बदल पाई। कप्तान हरमनप्रीत सिंह, वरुण कुमार, अमित रोहिदास और जुगराज सिंह के रहते टीम का पेनल्टी कॉर्नर का फायदा नहीं उठा पाना चिंता का विषय है।

भारत ने चीन के खिलाफ 7-2 से जीत दर्ज की थी जिसमें छह गोल टीम ने पेनाल्टी कॉर्नर पर किए थे। हालांकि, जापान के खिलाफ 1-1 से ड्रॉ मुकाबले में यह उलटा पड़ा गया। हरमनप्रीत पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदल पाए थे जिसके कारण भारतीय टीम जापान से ड्रॉ खेल पाई थी। भारतीय टीम के कोच क्रेग फुल्टन ने कहा कि यह हर कोच के लिए चिंता की बात है जब उसकी टीम गोल करने के मौकों का फायदा नहीं उठा पाती है, चाहे वह पेनल्टी कॉर्नर हो या मैदानी गोल। पेनल्टी कॉर्नर पर अत्यधिक निर्भरता भी भारत की चिंता का कारण है। खिलाड़ी सर्कल के अंदर जाने या मैदानी गोल करने से बच रहे हैं।

भारतीय डिफेंस की होगी परीक्षा

भारतीय टीम की भिड़ंत उस मलयेशियाई टीम से होगी जिसने पाकिस्तान को 3-1 से और जापान को 5-1 से हराकर सभी को चौंका दिया है। अभी वह तालिका में शीर्ष पर है। मलयेशिया के खिलाड़ी फरहान अशारी ने चार गोल दागे हैं और सभी गोल मैदानी किए हैं। ऐसे में भारतीय डिफेंस की इस टीम के खिलाफ कड़ी परीक्षा होगी।