सोयाबीन खरीदी पर 8 हजार करोड़ खर्च करेगी मोहन सरकार
भोपाल । हाल ही में केन्द्र सरकार ने समर्थन मूल्य पर सोयाबीन खरीदी के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है, जिसके बाद प्रदेश की मोहन सरकार ने सोयाबीन की खरीदी के लिए तैयारियां शुरु कर दी हैं। इसे राज्य सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा, जिससे किसानों को सोयाबीन का सही दाम मिल सके। राज्य सरकार केन्द्र के लिए 13.16 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन की एमएसपी पर खरीदी करेगी, जबकि इसके अलावा मप्र सरकार अपने हिस्से से अलग से खरीदी करेगा। केन्द्र के लिए की जाने वाली खरीदी के लिए केन्द्र सरकार प्रदेश सरकार को सात हजार करोड़ रुपए देगी, जबकि 1100 करोड़ खर्च कर प्रदेश सरकार अलग से सोयाबीन की खरीदी करेगी। सोयाबीन की खरीदी मप्र राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित (मार्कफेड) के माध्यम से की जाएगी। इसके लिए मार्कफेड बैंकों से 1100 करोड़ रुपए का कर्ज लेगा। इसके लिए प्रदेश सरकार गारंटी देगी। इसके लिए प्रस्ताव भी तैयार किया जा चुका है। जिसे जल्द ही कैबिनेट में रखा जाएगा। प्रदेश की कृषि मंडियों में सोयाबीन का भाव कम होने से किसानों की नाराजगी को देखते हुए मप्र सरकार ने गत 10 सितंबर को मप्र में सोयाबीन की खरीदी एमएसपी पर किए जाने के संबंध में केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था, जिसे 11 सितंबर को अनुमति मिल गई थी।
मप्र सरकार के लिए एमएसपी पर सोयाबीन की खरीदी चुनौतीपूर्ण काम है। इसके लिए सरकार को बड़ी रकम की जरूरत होगी, क्योंकि केंद्र सरकार ने कुल सोयाबीन उत्पादन के सिर्फ 25 प्रतिशत खरीदी को मंजूरी दी है। यही वजह है कि मप्र सरकार ने सोयाबीन खरीदी के भुगतान के लिए फंड का अरेंजमेंट करना शुरू कर दिया है। इसके लिए मार्कफेड बैंकों से लोन लेगा। प्रदेश में किसानों से समर्थन मूल्य पर सोयाबीन खरीदी का कार्य 25 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक किया जाएगा। किसान ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल पर 25 सितंबर से 15 अक्टूबर तक पंजीयन करा सकेंगे। सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4,892 रुपए निर्धारित है।
प्रदेश में 50 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा सोयाबीन उत्पादन का अनुमान है। इसे देखते हुए केंद्र ने मप्र को 13.16 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन खरीदी को मंजूरी दी है। इसके लिए केंद्र सरकार मप्र को करीब 7000 करोड़ रुपए देगी। चूंकि 25 अक्टूबर से सोयाबीन की खरीदी शुरू होगी और मुख्यमंत्री ने उपार्जन के तीन दिन में किसानों के खाते में भुगतान करने की घोषणा की है, इसलिए मार्कफेड जल्द ही 1100 करोड़ रुपए का कर्ज लेगा। इसके लिए बैंकों से ऑफर बुलाए जाएंगे, जिस भी बैंक की ब्याज दर कम होगी, उससे मार्कफेड द्वारा सरकार की गारंटी पर कर्ज लिया जाएगा।